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तोक्यो पैरालंपिक में अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने को तैयार भारतीय पैरा खिलाडी

ओलंपिक में अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद भारत की नजरें मंगलवार से यहां शुरू हो रहे पैरालंपिक खेलों में भी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर टिकी हैं और उम्मीद है कि 54 खिलाड़ियों का दल देश को इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में पहली बार दोहरे अंक में पदक दिला सकता है।

05:42 PM Aug 23, 2021 IST | Ujjwal Jain

ओलंपिक में अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद भारत की नजरें मंगलवार से यहां शुरू हो रहे पैरालंपिक खेलों में भी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर टिकी हैं और उम्मीद है कि 54 खिलाड़ियों का दल देश को इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में पहली बार दोहरे अंक में पदक दिला सकता है।

ओलंपिक में अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद भारत की नजरें मंगलवार से यहां शुरू हो रहे पैरालंपिक खेलों में भी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर टिकी हैं और उम्मीद है कि 54 खिलाड़ियों का दल देश को इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में पहली बार दोहरे अंक में पदक दिला सकता है। रियो 2016 पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता स्टार भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र झझारिया और ऊंची कूद के स्टार मरियप्पन थंगावेलू भारत के अब तक के सबसे बड़े दल की अगुआई करेंगे। भारत को इन खेलों में पांच स्वर्ण पदक सहित कम से कम 15 पदक की उम्मीद है। 
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कोविड-19 महामारी के कारण पैरालंपिक का आयोजन कड़े सुरक्षा और स्वास्थ्य नियमों के बीच हो रहा है। भारत पैरालंपिक में नौ खेलों में हिस्सा लेगा। महामारी के कारण कुछ देशों ने हालांकि पैरालंपिक से हटने का फैसला किया। भारतीय खिलाड़ियों से अभूतपूर्व सफलता की उम्मीद करना बेमानी नहीं होगा क्योंकि विश्व रैंकिंग में कम से कम चार भारतीय नंबर एक पर काबिज हैं जबकि छह खिलाड़ियों की विश्व रैंकिंग दूसरी है। इसके अलावा लगभग 10 खिलाड़ियों की विश्व रैंकिंग तीन है। 
भारत ने 1972 में पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा लिया था और तब से इन खेलों में कुल 12 पदक जीत चुका  है। अगर भारत उम्मीद के मुताबिक सफलता हासिल करता है तो इस बार पदक तालिका में शीर्ष 25 में जगह बना सकता है। भारत 2016 रियो पैरालंपिक में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक के साथ 43वें स्थान पर रहा था। सरकार ने पैरा खिलाड़ियों को भरपूर सुविधाएं दी हैं और कई खिलाड़ी देश के विभिन्न हिस्सों में भारतीय खेल प्राधिकरण की सुविधाओं में अभ्यास कर रहे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि पैरा खिलाड़ी आठ अगस्त को संपन्न हुए ओलंपिक की सफलता को आगे बढ़ा पाएंगे। 
भारत ने ओलंपिक में एक स्वर्ण और दो रजत सहित कुल सात पदक जीते थे। बचपन में करंट लगने के कारण अपना बायां हाथ गंवाने वाले झझारिया 40 साल की उम्र में स्वर्ण पदक की हैट्रिक के मजबूत दावेदार हैं। वह एफ-46 वर्ग में 2004 और 2016 में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं और मौजूदा विश्व रिकॉर्ड धारक हैं। पांच बरस की उम्र में घुटने से नीचे का पैर बस से कुचले जाने के बाद स्थाई रूप से दिव्यांग हुए मरियप्पन एक अन्य भारतीय पैरा खिलाड़ी हैं जो 2016 में टी-63 ऊंची कूद में जीते स्वर्ण पदक का बचाव करने उतरेंगे। वह अभी दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हैं। 
वह मंगलवार को उद्घाटन समारोह के दौरान देश के ध्वजवाहक भी होंगे। विश्व चैंपियन संदीप चौधरी (एफ-64 भाला फेंक) 24 सदस्यीय पैरा एथलेटिक्स टीम में स्वर्ण पदक के तीसरे दावेदार हैं।  वह दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और विश्व रिकॉर्ड धारक हैं। पैरा एथलेटिक्स में पदक के अन्य दावेदार गत विश्व चैंपियन सुंदर सिंह गुर्जर और अजीत सिंह (दोनों एफ-46) तथा नवदीप सिंह (एफ-41) हैं। ये तीनों भाला फेंक के खिलाड़ी हैं। भारतीय पैरालंपिक समिति को पैरा खिलाड़ियों से कम से कम 10 पदक की उम्मीद है। 
पैरा खिलाड़ियों को उनकी दिव्यांगता के प्रकार और सीमा के आधार पर अलग अलग वर्ग में रखा जाता है। इससे उन्हें समान दिव्यांगता वाले खिलाड़ियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा पेश करने का मौका मिलता है। बैडमिंटन तोक्यो खेलों के दौरान पैरालंपिक में पदार्पण करेगा और इसमें भारत की पदक जीतने की अच्छी संभावनाएं हैं। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और कई बार के विश्व चैंपियन प्रमोद भगत पुरुष एसएल 3 वर्ग में स्वर्ण पदक के मजबूत दावेदार हैं। 
दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी कृष्णा नागर (एसएच 6) और तरुण ढिल्लों (एसएल 4) से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।दो बार की पूर्व विश्व चैंपियन पारूल परमार और युवा पलक कोहली (एसएल 3-एसयू 5) से महिला वर्ग में पदक की उम्मीद है। भारत को अपने निशानेबाजों और तीरंदाजों से भी पदक की उम्मीद है। तीरंदाजी में भारत की ओर से राकेश कुमार और श्याम सुंदर (कंपाउंड), विवेक चिकारा और हरविंदर सिंह (रिकर्व) और महिला तीरंदाज ज्योति बालियान (कंपाउंड व्यक्तिगत और मिश्रित स्पर्धा) चुनौती पेश करेंगे। 
इसके अलावा भारतीय खिलाड़ी पैरा कैनोइंग, पैरा तैराकी, पैरा पावरलिफ्टिंग, पैरा टेबल टेनिस और पैरा ताइक्वांडो में भी हिस्सा लेंगे। पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल और सोनल पटेल 25 अगस्त को भारतीय अभियान की शुरुआत करेंगी। ये दोनों पदक की मजबूत दावेदार नहीं हैं और ऐसे में भारत के पहले पदक की उम्मीद शुक्रवार को है जब पैरा तीरंदाजी की स्पर्धाएं शुरू होंगी। शनिवार को पैरा एथलेटिक्स शुरू होने के साथ भारत के पदकों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है। 
जापान के राजा नारुहितो पैरालंपिक की शुरुआत की घोषणा करेंगे। तोक्यो और जापान के अन्य हिस्सों में कोविड-19 मामलों में इजाफे को देखते हुए कड़े स्वास्थ्य और सुरक्षा नियम लागू किए गए हैं। ओलंपिक की तरह मंगलवार को पैरालंपिक के उद्घाटन समारोह में भी सिर्फ छह अधिकारियों को हिस्सा लेने की स्वीकृति होगी। भारतीय दल में सिर्फ पांच खिलाड़ी होंगे जिसमें ध्वजवाहक मरियप्पन भी शामिल हैं। इसके अलावा चक्का फेंक के विनोद कुमार, भाला फेंक के टेकचंद और पावरलिफ्टर जयदीप और सकीना खातून उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे। 
भारतीय दल ईरान के बाद ओलंपिक स्टेडियम में प्रवेश करने वाला 17वां दल होगा। पैरालंपिक के दौरान ओलंपिक की तरह की दर्शकों को स्टेडियम में आने की इजाजत नहीं होगी। आयोजक हालांकि कुछ स्थलों पर बच्चों को स्टेडियम में आने की स्वीकृति देने का प्रयास कर रहे हैं। पैरालंपिक के दौरान 163 देशों के लगभग 4500 खिलाड़ी 22 खेलों की 540 स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे। 
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