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भारतीय स्टार्टअप स्वेदशी AI बनाने पर दें ध्यान: Amitabh Kant

स्टार्टअप्स को स्वदेशी एआई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए: अमिताभ कांत

04:03 AM Apr 05, 2025 IST | IANS

स्टार्टअप्स को स्वदेशी एआई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए: अमिताभ कांत

भारत के जी20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने शुक्रवार को कहा कि भारत को एआई जैसी अपनी खुद की एडवांस टेक्नोलॉजी बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके साथ ही देश को टेक्नोलॉजी से जुड़ी प्रगति को लेकर दूसरे देशों पर निर्भर रहने से भी बचना होगा।

कांत ने कहा कि भारत को अपनी तकनीकी स्वतंत्रता बनाए रखनी चाहिए और ऐसी तकनीकें बनानी चाहिए, जो देश की अनूठी संस्कृति और पहचान को दर्शाती हों।

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को पश्चिम या किसी अन्य देश का “तकनीकी उपनिवेश” नहीं बनना चाहिए। इसके बजाय, उसे ऐसे इनोवेशन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो क्विक, एनर्जी-एफिशिएंट और लागत-प्रभावी हों।

‘स्टार्टअप महाकुंभ’ कार्यक्रम के दूसरे एडिशन में कांत ने कहा, “यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत तकनीकी उन्नति में अपनी संप्रभुता बनाए रखे और सबसे आगे रहकर नेतृत्व करे। हमें पश्चिम या दुनिया के किसी अन्य देश का तकनीकी उपनिवेश नहीं बनना चाहिए। हमें तेजी से, कम ऊर्जा-खपत और लागत-प्रभावी तरीके से इनोवेशन को जारी रखना चाहिए।”

उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, “भारत की स्टार्टअप कहानी उद्यमशीलता की भावना का प्रमाण है जो नए भारत को परिभाषित करती है। जब हमने 2016 में स्टार्टअप इंडिया पहल की शुरुआत की थी, तो हमारा लक्ष्य एक ऐसा इकोसिस्टम बनाना था, जो इनोवेशन को बढ़ावा दे, वित्तीय सहायता प्रदान करे और युवा व्यवसायों का पोषण करे। केवल नौ वर्षों में, हमने स्टार्टअप गतिविधि में एक बड़ा बदलाव देखा है।”

कांत ने कहा, “मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या 2016 में 400 से बढ़कर 2025 में 1,61,000 से अधिक हो गई है। हमें इस गति को जारी रखना चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि इनोवेशन भारत की विकास कहानी के केंद्र में बना रहे।”

उन्होंने एडवांस टेक्नोलॉजी बनाने के लिए भारत के लार्ज डेटा सेट का इस्तेमाल करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि देश को केवल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लागू करने से आगे बढ़ना होगा और ऐसे कम्प्लीट एआई सिस्टम बनाने चाहिए, जो पश्चिमी मॉडलों में पाए जाने वाली कमियों से मुक्त हों।

जी20 शेरपा ने कहा, “हमें अपने स्वयं के डेटा सेट के आधार पर संप्रभु फ्रंटियर मॉडल बनाना चाहिए, जिसमें पश्चिम देशों के निहित पूर्वाग्रह न हों। हमें केवल एप्लिकेशन लेयर ही नहीं, बल्कि एंड-टू-एंड एआई इकोसिस्टम बनाना चाहिए।”

उन्होंने भारतीय स्टार्टअप को एआई, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, बिग डेटा, साइबरसिक्यूरिटी, स्पेस टेक और सेमीकंडक्टर जैसे उभरते क्षेत्रों को एक्सप्लोर करने के लिए प्रोत्साहित किया।

उनके अनुसार, “ये क्षेत्र भविष्य के इनोवेशन को बढ़ावा देंगे और भारत को डीप टेक में लीडर बनने में मदद करेंगे। भविष्य भारत के डीप टेक का चैंपियन बनने में निहित है।”

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