'इंडियंस डिजर्व दिस', 166 भारतीयों की जान लेकर हेडली से बोला था जिहादी Tahavvur Rana
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाया गया
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाया गया है। NIA को 18 दिन की कस्टडी मिली है और उससे पूछताछ की जाएगी। राणा ने डेविड हेडली के साथ मिलकर इस हमले की साजिश रची थी। अमेरिका ने इसे न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।
17 सालों से अमेरिका में छुपकर बैठे मुंबई हमलें के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को आखिरकार भारत सरकार वापस ले आई है। पटियाला हाई कोर्ट ने NIA को 18 दिन के लिए राणा की कस्टडी दी है। NIA अब उससे मुंबई हमले की पूरी साजिश की पूछताछ करेगी। तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के बाद अमेरिका का चौंकाने वाला बयान सामने आया है। अमेरिकिा के न्याय विभाग ने कहा है कि राणा को भारत भारत लाया जाना उन 6 अमेरिकियों और बाकी पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो 2008 के इस भयावह आतंकी हमले में मारे गए थे।
‘इंडिया डिसर्वस दिस’ बोला था राणा
आपको बता दें, तहव्वुर राणा ने मंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता डेविड हेडली के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया था। अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, हमले के बाद राणा ने हेडली से कहा था , ‘इंडिया डिसर्वस दिस’ यानी ‘भारतीयों को यह भुगतना ही था।’ एक इंटरसेप्टेड कॉल में उसने उन 9 आतंकियों की तारीफ की थी जो हमले के दौरान मारे गए थे। इतना ही नहीं उसने आतंकियों को पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य सम्मान ‘निशान-ए-हैदर’ देने की बात कही थी।
अमेरिका में करता रहा अपील
तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जिसे 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका के लिए जाना जाता है। वह पाकिस्तान में पैदा हुआ था। कनाडा में बसने के बाद, राणा ने अमेरिका के शिकागो में अपना व्यवसाय स्थापित किया। उस पर डेविड कोलमैन हेडली के माध्यम से लश्कर-ए-तैयबा की योजना बनाने और मुंबई हमलों को अंजाम देने में मदद करने का आरोप है। उसकी भूमिका के संबंध में अमेरिकी अदालतों में कई कानूनी कार्यवाही हुई और अंत में अमेरिकी कोर्ट ने राणा को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया गया।
166 भारतीयों की गई थी जान
बता दें तहव्वुर राणा ने लश्कर -ए-तैयबा (LeT)के 10 आतंकियों के साथ मिलकर 26/11 हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में 9 आतंकी मारे गए थे और एकमात्र बचे आतंकी अजमल कसाब को 2012 में भारत सरकार द्वारा फांसी दी गई थी। इम हमले में 166 भारतीय नागरिकों की जान चली गई थी।
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