3 गुना बढ़ा स्विस बैंक में भारतीयों का पैसा, 2023 के मुकाबले इतनी हुई बढ़ोत्तरी
3 गुना बढ़ा स्विस बैंक में भारतीयों का पैसा
भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में अधिक धन जमा करने का प्रमुख कारण स्थानीय शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से किए गए निवेश में वृद्धि है. यह उल्लेखनीय है कि इस वृद्धि में स्विस बैंकों के कस्टमर अकाउंट का योगदान मात्र 11 प्रतिशत रहा, जो कि 34.6 करोड़ स्विस फ्रैंक (लगभग 3,675 करोड़ रुपये) के आसपास है. यह कुल जमा का केवल एक-तिहाई हिस्सा है.
Swiss Banks: साल 2024 में स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा की गई कुल राशि में शानदार बढ़त देखी गई है. स्विस नेशनल बैंक (SNB) द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, यह राशि तीन गुना बढ़कर 3.5 अरब स्विस फ्रैंक (लगभग 37,600 करोड़ रुपये) हो गई है, जो 2023 में मात्र 1.04 अरब स्विस फ्रैंक थी. यह चार वर्षों के न्यूनतम स्तर से अब तक की सबसे बड़ी बढ़त मानी जा रही है. भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में अधिक धन जमा करने का प्रमुख कारण स्थानीय शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से किए गए निवेश में वृद्धि है. यह उल्लेखनीय है कि इस वृद्धि में स्विस बैंकों के कस्टमर अकाउंट का योगदान मात्र 11 प्रतिशत रहा, जो कि 34.6 करोड़ स्विस फ्रैंक (लगभग 3,675 करोड़ रुपये) के आसपास है. यह कुल जमा का केवल एक-तिहाई हिस्सा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में स्विस बैंकों में भारतीय व्यक्तियों और कंपनियों द्वारा जमा धन में 70 प्रतिशत की गिरावट आई थी. इसके बाद 2024 में अचानक आई यह वृद्धि 2021 के बाद सबसे अधिक है. 2021 में भी भारतीयों की जमा राशि 14 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी.
काला धन नहीं मानता स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि भारतीयों द्वारा जमा की गई राशि को वह ‘काला धन’ नहीं मानता. स्विस सरकार का कहना है कि वह टैक्स चोरी के खिलाफ भारत के प्रयासों का समर्थन करता है. 2018 से भारत और स्विट्जरलैंड के बीच टैक्स मामलों में सूचना का स्वचालित आदान-प्रदान भी जारी है.
तीसरे देश के नाम पर जमा धन का कोई आंकड़ा नहीं
SNB द्वारा प्रस्तुत आंकड़े केवल भारतीय नागरिकों, कंपनियों और बैंकों के सीधे खाते दर्शाते हैं. इसमें उन निधियों का विवरण शामिल नहीं है जो भारतीयों या अनिवासी भारतीयों (NRI) ने किसी तीसरे देश की कंपनियों के नाम पर जमा किए हैं. 2006 में यह राशि 6.5 अरब स्विस फ्रैंक के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर थी.
वैश्विक तुलना में भारत का स्थान 48वां
स्विस बैंकों में विदेशी धन के मामले में भारत 48वें स्थान पर है. सबसे अधिक धन ब्रिटेन से जमा किया गया है, जिसकी राशि 222 अरब स्विस फ्रैंक है. अमेरिका 89 अरब स्विस फ्रैंक के साथ दूसरे और वेस्टइंडीज 68 अरब स्विस फ्रैंक के साथ तीसरे स्थान पर है. पाकिस्तानियों की जमा राशि 27.2 करोड़ स्विस फ्रैंक है, जबकि बांग्लादेश की जमा राशि में तेजी से उछाल देखा गया है जो 1.8 करोड़ से बढ़कर 58.9 करोड़ स्विस फ्रैंक हो गई है.
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