भारत के एक्शन से निकल गई हेकड़ी, समाधान के लिए गिड़गिड़ाया बांग्लादेश
बांग्लादेश ने भारत से मांगा समाधान का रास्ता
भारत-बांग्लादेश व्यापारिक तनाव में बांग्लादेश ने पीछे हटने का फैसला किया है। सरकार ने हालात को बिगड़ने से रोकने के लिए संवाद का प्रस्ताव दिया है। बांग्लादेश ने भारत से आयात पर लगे प्रतिबंध को टालने की अपील की है ताकि व्यापारिक संबंधों में सुधार हो सके।
India-Bangladesh Conflict: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश से के बड़ी खबर सामने आई है. बांग्लादेश ने पाकिस्तान की मौजूदा हालात से सबक लेते हुए भारत के साथ बढ़ते व्यापारिक तनाव में समझदारी दिखाते हुए पीछे हटने का फैसला लिया है. बांग्लादेश ने स्पष्ट किया है कि वह हालात को और खराब नहीं करना चाहता और किसी भी प्रकार की प्रतिकारात्मक कार्रवाई से बचेगा. सरकार का मानना है कि दोनों देशों के लिए यह आर्थिक तनाव नुकसानदेह हो सकता है और इसका समाधान केवल संवाद से संभव है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज यानी बुधवार को आयोजित एक अहम बैठक के बाद बांग्लादेश के वाणिज्य सचिव महबुबुर रहमान ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता है कि परिस्थितियां और न बिगड़ें. बैठक में विभिन्न मंत्रालयों, एजेंसियों और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिसमें इस संकट पर विस्तार से चर्चा हुई. रहमान ने स्पष्ट कहा कि देश कोई भी पलटवार करने की योजना नहीं बना रहा है.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
इस व्यापारिक तनाव की शुरुआत 13 अप्रैल को हुई, जब बांग्लादेश ने भारत से यार्न (कपास से बने धागे) के आयात को चार जमीनी सीमाओं से रोक दिया. इसके जवाब में भारत ने बांग्लादेशी रेडीमेड गारमेंट्स की ट्रांसशिपमेंट सुविधा को निलंबित कर दिया. फिर 17 मई को भारत ने बांग्लादेश से आने वाले वस्त्र, प्रोसेस्ड फूड, फर्नीचर समेत कई वस्तुओं के भूमि मार्ग से आयात पर रोक लगा दी. ध्यान देने वाली बात यह है कि चीन के बाद भारत बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा सप्लायर है.
संवाद से समाधान की अपील
वाणिज्य सचिव महबुबुर रहमान ने बताया कि भारत को पहले ही औपचारिक पत्र भेजकर वाणिज्य सचिव स्तर की बैठक का प्रस्ताव दिया जा चुका है. उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि दोनों देश बैठें, बातचीत करें और समाधान निकालें.’
बैठक में मौजूद एक प्रमुख व्यापारी ने सरकार से अपील की कि भारत से ज़मीनी मार्ग से आयात पर लगे प्रतिबंध को कम से कम तीन महीने के लिए टाल दिया जाए ताकि पहले से मंगाया गया माल क्लियर किया जा सके. उनका कहना था कि पिछले 10 महीनों में बांग्लादेश ने भारत से करीब 3.5 लाख टन सामान भूमि मार्ग से आयात किया है, क्योंकि समुद्री रास्ता महंगा पड़ता है.
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भारत से आयात की मुख्य ज़रूरतें
बांग्लादेश भारत से कच्चा माल, वस्त्र, कृषि उत्पाद, मशीनरी, रसायन, खाद्य सामग्री, चावल, सब्जियां, डेयरी उत्पाद और कई जरूरी चीजें मंगाता है. पिछले वित्तीय वर्ष में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार लगभग 10.56 अरब डॉलर का रहा, जिसमें बांग्लादेश का निर्यात मात्र 1.56 अरब डॉलर था जबकि भारत से 9 अरब डॉलर का आयात किया गया.
SAFTA के तहत भारत में शून्य शुल्क की सुविधा
बांग्लादेश को SAARC के अंतर्गत ‘साउथ एशियन फ्री ट्रेड एरिया’ (SAFTA) समझौते के तहत भारत में शून्य शुल्क पर वस्तुएं निर्यात करने का लाभ मिलता है. फिलहाल बांग्लादेश भारत से सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा है. अगर बातचीत सफल होती है, तो व्यापारिक तनाव का समाधान जल्दी निकल सकता है. लेकिन अगर बातचीत टलती है, तो दोनों देशों के व्यापारियों को बड़ा आर्थिक झटका लग सकता है.