भारत की अनाहत सिंह ने ब्रिटिश ओपन स्क्वैश U-17 में रचा इतिहास
अनाहत सिंह की तीसरी बड़ी जीत, ब्रिटिश ओपन में मारी बाजी
इस साल ब्रिटिश ओपन जूनियर्स के अंडर-17 कैटेगरी में भारत की 16 वर्षीय स्क्वैश खिलाड़ी अनाहत सिंह टॉप वरीयता खिलाड़ी थी | लेकिन इस कैटेगरी में अपना पहला टाइटल जीतने से पहले सिंह को काफी कठिन रास्ता तय करना पड़ा | भारतीय खिलाड़ियों को तीन इजिप्शियन खिलाड़ियों का सामना करना पड़ा, जो की हमेशा से ही स्क्वैश के सबसे मज़बूत खिलाड़ी है |
जोशना चिनप्पा द्वारा ब्रिटिश जूनियर्स अंडर 17 का टाइटल जीतकर भारत के लिए इतिहास रचने के 22 साल बाद, अनाहत ने बर्मिंघम यूनिवर्सिटी ग्लास कोर्ट में इस उपलब्धि की बराबरी की | अनाहत ने अपने पहले दो टाइटल U-11 और U-15 की श्रेणियों में जीते थे |
2028 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में स्क्वैश का डेब्यू होने वाला है, तो इससे पहले अनाहत के करियर का एक बेहतर दिशा में आना काफी अच्छा संकेत है | जीत के बाद अनाहत ने एक इंटरव्यू में कहा,
“मैं वास्तव में खुश महसूस कर रही हूँ। यह मेरी तीसरी जीत है। मैं पिछले साल तीन करीबी खेलों में हार गई थी। मैं वास्तव में खुश हूँ कि मैं उच्च श्रेणी में जाने से पहले इस बार जीत सकी|”
फाइनल में सिंह ने इजिप्ट की मलिका एल्काराक्सी को 3-2 (4-11, 11-9, 6-11, 11-5, 11-3) से हराया। उन्होंने गेम के दौरान दो बार बेहतरीन वापसी की | एल्काराक्सी अपने शॉट-मेकिंग में काफी कुशल और निडर है | फिर भी, 16 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी ने पिछले साल अंडर-17 फाइनल में इजिप्ट की नाडियन एल्हममी से हारने के बाद इस साल दोबारा फाइनल हारना नहीं स्वीकार किया और मज़बूत वापसी कर इस साल फाइनल गेम में मलिका को अच्छी चुनौती दी |
अनाहत को जल्द ही भारत में विलक्षण प्रतिभा के रूप में जाना जाने लगेगा | 2023 में एशियन गेम्स में दो कांस्य पदकों के साथ उनकी प्रतिभा उजागर हुई थी, हालांकि PSA सर्किट में उन्हें अपना नाम बनाना होगा | भारत के कई बेहतरीन स्क्वैश खिलाड़ियों ने जूनियर कैटेगरी में अच्छा प्रदर्शन किया है, हालांकि ब्रिटिश ओपन जूनियर कैटेगरी में जीतना आसान नहीं रहा है|