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भारत के ऑटो सेक्टर में 2025 की पहली तिमाही में 1.5 बिलियन डॉलर की 29 डील दर्ज

1.5 बिलियन डॉलर की 29 डील्स के साथ ऑटो सेक्टर में भारी निवेश

01:44 AM Apr 17, 2025 IST | IANS

1.5 बिलियन डॉलर की 29 डील्स के साथ ऑटो सेक्टर में भारी निवेश

भारत के ऑटोमोटिव और मोबिलिटी सेक्टर ने 2025 की पहली तिमाही में 1.5 बिलियन डॉलर की 29 डील दर्ज की। ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट के अनुसार, इस तिमाही में वॉल्यूम में 27 प्रतिशत और वैल्यू में 191 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। यह वृद्धि रणनीतिक और वित्तीय निवेशों, विशेषकर ईवी और ऑटोटेक क्षेत्रों में बढ़ती दिलचस्पी के कारण हुई।

भारत के ऑटोमोटिव और मोबिलिटी सेक्टर ने इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में 1.5 बिलियन डॉलर की 29 डील दर्ज की। ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट के अनुसार, आईपीओ और क्यूआईपी को छोड़कर, इस सेक्टर ने वॉल्यूम में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो 2024 की चौथी तिमाही से बढ़कर 28 हो गई। वैल्यू को लेकर यह 191 प्रतिशत की वृद्धि थी, जो 509 मिलियन डॉलर से बढ़कर 1.4 बिलियन डॉलर हो गई। यह वृद्धि रणनीतिक और वित्तीय निवेशों की वजह से दर्ज की गई, जिसमें एक बिलियन डॉलर का निजी इक्विटी सौदा और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), ऑटोटेक और मोबिलिटी ऐज अ सर्विस (एमएएएस) जैसे उभरते क्षेत्रों में बढ़ती दिलचस्पी शामिल है।एक बिलियन डॉलर के लेन-देन और 50 मिलियन डॉलर के तीन उच्च-मूल्य वाले सौदों की मौजूदगी के साथ निवेशकों के लिए इस क्षेत्र के निरंतर आकर्षण को देखा गया।

ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर और ऑटो इंडस्ट्री लीडर साकेत मेहरा ने कहा, “भारत का ऑटोमोटिव और मोबिलिटी सेक्टर एक बड़े बदलाव से गुजर रहा है, जो विद्युतीकरण, डिजिटल इंटीग्रेशन और सस्टेनेबिलिटी पर बढ़ते फोकस पर आधारित है। वैश्विक व्यापार गतिशीलता और सप्लाई चेन की बाधाओं के बावजूद, निवेशकों का विश्वास मजबूत बना हुआ है, जो पिछली तिमाही में सौदों की मात्रा और मूल्यों में शानदार वृद्धि से दिखाई देता है।”

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उन्होंने कहा कि इंडियन प्लेयर्स को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए इनोवेशन, रणनीतिक साझेदारी और वैल्यू-एडेड ऑफरिंग खासकर ईवी, ऑटो कंपोनेंट और नेक्स्ट जेनरेशन के मोबिलिटी समाधान जैसे क्षेत्रों पर दोगुना ध्यान देना चाहिए। भारत के ऑटोमोटिव और मोबिलिटी सेक्टर में 2025 की पहली तिमाही में बढ़ोतरी जारी रही और 359 मिलियन डॉलर के 9 डील दर्ज किए गए। यह लगातार तीसरी तिमाही में वृद्धि को दर्शाता है। इटली स्थित फोंटाना ग्रुपो ने राइट टाइट फास्टनर्स में 115 मिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ 60 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की, जिसके साथ इनबाउंड एक्टिविटी में सुधार देखा गया, जबकि आउटबाउंड एक्टिविटी में कमी देखी गई।

घरेलू लेन-देन इस क्षेत्र में हावी रहे, जिसमें औसत डील साइज पिछली तिमाही के 5 मिलियन डॉलर से बढ़कर 31 मिलियन डॉलर हो गया। भारत के ऑटोमोटिव और मोबिलिटी सेक्टर में निजी इक्विटी और वेंचर कैपिटल एक्टिविटी में 2025 की पहली तिमाही में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें 19 डील कुल 1.12 बिलियन डॉलर की रही। यह पिछली तिमाही की तुलना में डील वैल्यू में छह गुना (500 प्रतिशत) की वृद्धि और वॉल्यूम में 36 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

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