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भारत का Coal Production लक्ष्य बढ़ा, जानें कितनी हुई वृद्धि?

09:52 PM Jul 29, 2025 IST | Amit Kumar
Coal Production

Coal Production: भारत सरकार ने घरेलू कोयला उत्पादन (Coal Production) को बढ़ावा देने के लिए वित्त वर्ष 2030 तक कोयला उत्पादन का लक्ष्य 1.13 बिलियन टन तक बढ़ा दिया है। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में बताया कि इस दिशा में कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) को भी बड़ी ज़िम्मेदारी दी गई है। CIL को वित्त वर्ष 2026-27 तक 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य सौंपा गया है।

2023-24 में रिकॉर्ड Coal Production

पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने पहली बार 1 बिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादन कर एक नया रिकॉर्ड बनाया। कोल इंडिया ने अकेले ही इस वर्ष 781.07 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 0.94% अधिक है।

कुल लक्ष्य: 2030 तक 1.5 बिलियन टन

सरकार का अनुमान है कि 2030 तक देश का कुल Coal Production लक्ष्य 1.5 बिलियन टन तक पहुंच सकता है। इसका उद्देश्य आयात पर निर्भरता को कम करते हुए घरेलू ज़रूरतों को स्वदेशी स्रोतों से पूरा करना है। आने वाले वर्षों में कोयला उत्पादन में 6-7% की सालाना वृद्धि की संभावना जताई गई है।

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Coal Production

Coal आयात में कमी की योजना

हालांकि भारत अभी भी कुछ Coal का आयात करता है, पर यह मुख्य रूप से कोकिंग कोल और उच्च गुणवत्ता वाले गैर-कोकिंग कोल तक सीमित है, जिनका घरेलू उत्पादन सीमित है। सरकार की योजना है कि इस आयात को भी धीरे-धीरे कम किया जाए।

Coal Production

घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम

भारत सरकार ने Coal Production बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं:

भारत के Forest Area में बढ़ोत्तरी, जानें कितनी हुई वृद्धि?

Forest Area: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में जानकारी दी है कि देश में वन और वृक्ष आवरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उनके अनुसार, भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 के अनुसार, साल 2021 के मुकाबले वन क्षेत्र में 156.41 वर्ग किलोमीटर और वृक्ष क्षेत्र में 1289.40 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह रिपोर्ट भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey) (एफएसआई), देहरादून द्वारा तैयार की गई है। सरकार ने बताया कि देश में वनों और वृक्षों के संरक्षण और प्रबंधन की मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की होती है। इसके लिए देश में कई कानूनी व्यवस्थाएं लागू हैं, जैसे:

  • Indian Forest Act (भारतीय वन अधिनियम) ,1927
  • Forest (Conservation) Act,वन (संरक्षण) अधिनियम) 1980
  • (Wild Life Protection Act) (वन्यजीव संरक्षण अधिनियम) 1972
  • State Level Forest Law (राज्य स्तरीय वन कानून)
  • Tree Protection Act (वृक्ष संरक्षण अधिनियम)

इन कानूनों के तहत जंगलों और पेड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।

अवैध कटाई पर निगरानी और कार्रवाई

पेड़ों की अवैध कटाई एक गंभीर समस्या है। मंत्री ने कहा कि जब भी पेड़ों की गैरकानूनी कटाई का मामला सामने आता है, तो उस पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। संबंधित राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन इस तरह के मामलों का रिकॉर्ड रखते हैं।

स्थानीय वन अधिकारी (Forest Officer) अवैध रूप से काटे गए पेड़ों का मूल्यांकन करते हैं और उसका पूरा विवरण संबंधित वन अपराध रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। इसके बाद कानून के अनुसार दोषियों के खिलाफ न्यायालयों में कार्रवाई की जाती है।

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