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भारत में शीतल पेय की खपत दोगुनी होने की उम्मीद

वीबीएल ने 2018 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि शीतल पेय उद्योग में सभी श्रेणियों खासकर जूस और बोतलबंद पानी में व्यापक वृद्धि होगी।

01:11 PM Apr 20, 2019 IST | Desk Team

वीबीएल ने 2018 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि शीतल पेय उद्योग में सभी श्रेणियों खासकर जूस और बोतलबंद पानी में व्यापक वृद्धि होगी।

नई दिल्ली : देश में शीतल पेय बाजार में आने वाले सालों में ‘मजूबत वृद्धि’ जारी रह सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 तक शीतल पेय की सालाना प्रति व्यक्ति खपत 84 बोतल तक पहुंचने की उम्मीद है। पेप्सिको इंडिया के बॉटलिंग पार्टनर वरुण बेवरेजेस लिमिटेड (वीबीएल) ने एक रिपोर्ट में यह बात कही। रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में एक व्यक्ति सालाना औसतन 44 बोतल कोल्ड ड्रिंक पीता है। इसके 2021 तक बढ़कर 84 बोतल पर पहुंचे की संभावना है।

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वीबीएल ने 2018 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि शीतल पेय उद्योग में सभी श्रेणियों खासकर जूस और बोतलबंद पानी में व्यापक वृद्धि होगी। जूस और बोतलबंद पानी की कम पहुंच, मध्यम वर्ग के लोगों की संख्या बढ़ाने, किफायती और शहरीकरण के बढ़ने और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसे कारक सॉफ्ट ड्रिंक उद्योग की वृद्धि में अहम होंगे। वीबीएल ने कहा कि कार्बोनेट्स ड्रिंक के अंदर, गैर-कोला कार्बोनेट्स विशेषकर लेमन आधारित ड्रिंक के ज्यादा तेजी से बढ़ने के आसार हैं।

भारत में पेप्सिको की बिक्री में कार्बोनेट बेवरेज की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी ने कहा कि लोगों के बीच पानी से होने वाली बीमारियों को लेकर जागरुकता आने और शहरी क्षेत्रों में पीने के पानी की किल्लत होने से बोतल बंद पानी में मजबूत वृद्धि के संकेत हैं। वीबीएल ने कहा कि भारत में 2016 में सॉफ्ट ड्रिंक की प्रति व्यक्ति खपत 44 बोतल थी।

यह अमेरिका जैसे बाजारों की तुलना में काफी कम है। अंमेरिका में प्रति व्यक्ति खपत 1,496 बोतल है। वहीं, मेक्सिको में प्रति व्यक्ति खपत 1,489 बोतल, जर्मनी में 1,221 बोतल और ब्राजील जैसे विकासशील देश में खपत 537 बोतल है। शीतल पेय की कम पहुंच की दिक्कत सही होने से 2021 तक प्रति व्यक्ति खपत दोगुनी होकर 84 बोलत पर पहुंचने की उम्मीद है।

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