विविधता में एकता और शौर्य की प्रतीक भारत की बेटियां...
हमारे देश की शान बेटियां हैं और अगर पाकिस्तान को पहलगाम हमले का जवाब…
हमारे देश की शान बेटियां हैं और अगर पाकिस्तान को पहलगाम हमले का जवाब देना हो तो भी ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से ये जवाब हमारे देश की बेटियों ने देश के समक्ष रखा है। इन बेटियों पर हमें नाज है। जब पहलगाम हमला हुआ और पाकिस्तानी आकाओं के इशारे से हमारे देश की बेटियों, बहनों और माताओं का सिंदूर उजाड़ने वाले आतंकियों को सबक सिखाने का मौका आया तो ऑपरेशन सिंदूर सबके सामने है। ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी प्रैस कांफ्रेंस के माध्यम से सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बहुत ही सशक्त ढंग से दी। देश की बेटियां हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत हैं। यह बात अलग है कि एक मां-बहन व बेटी के सुहाग से जुड़े सम्मान की रक्षा के लिए ‘आॅपरेशन सिंदूर’ का नामकरण प्रधानमंत्री मोदी ने ही किया था, जिसका मकसद पहलगाम हमले का पाकिस्तान से प्रतिशोध भी था। 12 दिसंबर 1975 को सोफिया का जन्म हुआ था और सेना में चयन होते ही उन्होंने पीएचडी छोड़ दी और देश की सेना से सीधे जुड़ गयीं। भारत की एयरस्ट्राइक ने पूरे देश को गर्व से भर दिया और कर्नल सोफिया के लिए बुंदेलखंड के लोगों के लिए यह डबल गौरव का मौका था। उनकी ट्रेनिंग भी उसी बुलंदेलखंड के हिस्से झांसी से हुईं जहां उनका जन्म हुआ था। वह लेफ्टिनेंट के तौर पर सेना से जुड़ी बाद में कैप्टन हुईं और तरक्की करते-करते वह मेजर बन गयीं और अब लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी प्रैस ब्रिफिंग के माध्यम से देने वाली दूसरी बेटियां व्योमिका सिंह लड़ाकू विमान चीता और चेतक उड़ा चुकी हैं। वह पायलट बन गयी और वायुसेना में भर्ती होने के 13 साल बाद 2017 में विंग कमांडर बन गयी। वह पायलट ही बनना चाहती थी और बनकर दिखा दिया। जब वह पायलट बनी तो वायुसेना में बेटियां कम ही आती थीं लेकिन उसने यूपीएससी के जरिए एयरफोर्स में एंट्री ली थी और आज वह देश की शान बन चुकी हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि जब ये बेटियां प्रैस ब्रीफिंग के माध्यम से अपनी बात रखती हैं तो कर्नल सोफिया हिंदी में बात करती हैं और विंग कमांडर व्योमिका इंग्लिश भाषा में बात करती हैं। इस तरह से ये दोनों बेटियां ऑपरेशन सिंदूर की आवाज बन चुकी हैं
सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे यहां किसी भी महकमे में, किसी भी क्षेत्र में हिंदू-मुसलमान या सिख-ईसाई या अन्य किसी जातपात को लेकर कोई भेदभाव नहीं है। मैंने पिछले दिनों इसी मंच से भारत-पाक युद्ध को लेकर स्पष्ट लिखा था कि हमारे यहां सेना में भर्ती को लेकर ना भेदभाव पहले था ना अब है और न कभी होगा। सेना के लिए प्रेम और सैल्यूट तो हम भारतीयों में कूट-कूट कर भरा हुआ है। सन् 1971 में जब पाकिस्तान से जंग हुई तो हम जालंधर से गुजरने वाले शक्तिमान ट्रकों पर सवार सैनिकों को जय हिन्द कहकर उन्हें गुडलक कहते थे।
कर्नल सोफिया कुरैशी सेना में जब 1999 में शामिल हुईं तो उन दिनों कारगिल युद्ध चल रहा था और आज वह उसी पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में भारत की विजय के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हुई हैं। उनके पति भी सेना में अफसर हैं। सोफिया हो या व्योमिका सिंह आज की तारीख में पूरे देश की बेटियों के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं। हमारे देश में राष्ट्रभक्ति एक जुनून है। आज भी जो लोग सेना से जुड़े हुए हैं अगर उनका इतिहास देख लिया जाए तो हरियाणा, पंजाब, यूपी, बिहार या महाराष्ट्र देश के हर कोने के अनेक गांवों में इस बात को लेकर होड़ है कि हमारे यहां से सेना के तीनों अंगों में ज्यादा से ज्यादा लोग भर्ती होते हैं। यह हम सबके लिए गौरव का पल है।
युद्ध दुश्मन से हो चाहे वह पाकिस्तान हो या कोई और देश हो लेकिन इसके परिणाम बहुत गंभीर होते हैं। अर्थव्यवस्थाएं पटरी से उतरती हैं लेकिन अपने देश की मातृभूमि की रक्षा के लिए मर-मिटने की ललक हर सच्ची भारतीयता है। जिस देश के आतंकवादियों ने हमारे देश की बेटियों का सिंदूर उजाड़ा हो उनको सबक सिखाना जरूरी था। शांति भी क्रांति के बाद ही आती है और जब क्रांति होती है तो गुनाहगारों को कीमत चुकानी पड़ती है। पाकिस्तान हमारा पड़ोसी रहा है। हमने हर बुरे वक्त पर उसकी मदद की है। कुल मिलाकर देश को इस ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जिस तरह से हमारी बेटियों ने जानकारी दी है यह सचमुच हर किसी के लिए गौरव का पल है। सैनिक हमारे भाई हैं, पिता समान हैं और इन्हीं के दम पर हमारी रातें सुरक्षित हैं और अब तो देश की बेटियां भी हमारी सैनिक बन चुकी हैं तो सबको सैल्यूट तो बनता है। हमारी तीनों सेनाओं और विशेष रूप से बीएसएफ तथा अन्य विंग के सभी जवानों को हम सैल्यूट करते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए उस वायदे के प्रति सैल्यूट करते हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि आतंकवादियों को सबक सिखाया जायेगा। यह काम पीएम मोदी ने कर दिखाया है और देश की बेटियों ने जिस तरह से अपनी भूमिका अदा की है उस पर हम सबको नाज है।