For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

भारत की राजनयिक ताकत

05:09 AM Feb 13, 2024 IST | Aditya Chopra
भारत की राजनयिक ताकत

कतर की जेल में बंद 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई की खबर पाकर न केवल उनके परिवारजन बल्कि समूचे राष्ट्र ने राहत की सांस ली है। इन 8 पूर्व नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। केन्द्र की मोदी सरकार ने इनकी रिहाई के लिए जोरदार प्रयास किए। अंतत: कतर के अमीर ने उनकी सजा को माफ कर दिया। इन पूर्व सैनिकों की रिहाई को भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। रिहा किए गए 8 पूर्व सैनिकों में से नवतेज सिंह गिल (रिटायर्ड कैप्टन), वीरेन्द्र कुमार वर्मा (रिटायर्ड कमांडर), सौरभ ​वशिष्ठ (रिटायर्ड कैप्टन), सुगनाकर पकाला (रिटायर्ड कमांडर), अमित नागपाल (रिटायर्ड कमांडर), संजीव गुप्ता (रिटायर्ड कमांडर) और नाविक रागेश तो भारत पहुंच चुके हैं जबकि रिटायर्ड कमांडर पूर्णेंदु तिवारी बाद में लौटेंगे। इनकी रिहाई के​ लिए स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष दिसम्बर में कतर के अमीर शेख तमीम- बिन- हम्द अल थानी से दुबई में हुए सीओपी-28 सम्मेलन से इतर मुलाकात की थी। भारत और कतर के बीच राजनयिक वार्ता तो चल रही थी जिसके चलते इनकी मौत की सजा को बदलकर जेल की सजा में बदल दिया गया था। इन सभी के परिजन सरकार से गुहार लगा रहे थे, तब से ही विदेश मंत्रालय सभी कानूनी उपाय और कूटनीतिक माध्यमों के जरिए प्रयास कर रहा था। भारत ने इनकी मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की थी और लगातार इन भारतीय नागरिकों को सभी कानूनों और दूतावास संबंधित सहायता जारी रखी थी। इन 8 दिग्गजों में से कैप्टन नवतेज सिंह गिल को उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जा चुका है। कैप्टन नवतेज गिल को यह सम्मान तब मिला था जब उन्होंने नौसेना अकादमी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बाद में तमिलनाडु के वेलिंगटन में ​डिफैंस सर्विसज स्टाफ कालेज में बतौर प्रशिक्षक काम किया था। अन्य सभी ने भी नौसेना में रहकर देश की सेवा की थी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इनकी रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने इनका पक्ष रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इन पूर्व सैनिकों के परिवारों से मुलाकात कर उनकी रिहाई का आश्वासन दिया था। इन भारतीय नागरिकों की रिहाई को भारत का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है और दुनिया ने एक बार ​फिर भारत की बढ़ती ताकत को महसूस किया है। पूर्व की सरकार पाकिस्तान जेल में बंद निर्दोष भारतीय नागरिक सरबजीत को लाख प्रयास करने के बावजूद रिहा कराने में सफल नहीं हो पाई थी। सरबजीत सिंह भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे तरनतारण जिले के भिखीविंड का रहने वाला किसान था जो अंजाने में 1990 में पाकिस्तानी सीमा में पहुंच गया ​​था और पाकिस्तान की सेना ने लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम धमाकों के आरोप लगाकार उसको फांसी की सजा सुना दी थी। सरबजीत की बहन दलबीर कौर, पत्नी सुखप्रीत कौर और दो बेटियों स्वप्न और पूनम कौर ने उनकी रिहाई के लिए सारी कोशिशें की थी लेकिन पाकिस्तान की जेल में कुछ कैदियों ने हमला कर सरबजीत को घायल कर दिया था और 2 मई 2013 को सरबजीत ने दम तोड़ दिया था। तब देशवासियों ने बहुत आंसू बहाए थे। पाकिस्तान जेल में बंद कुलभूषण जाधव को अभी भी हम रिहा करवाने में सफल नहीं हुए हैं। भारत और कतर के संबंध काफी अच्छे रहे हैं लेकिन 8 पूर्व सैनिकों को मौत की सजा सुनाये जाने के बाद दोनों देशों के रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका थी। कतर खाड़ी का वह देश है जहां भारतीयों की आबादी 7 लाख के करीब है। भारतीय समुदाय बैंकिंग, बिजनेस, इंजीनियरिंग और मेडिकल क्षेत्र में तो सेवाएं दे रहे हैं बल्कि काफी संख्या में भारतीय श्रमिक भी हैं। कतर में जन्मे कई भारतीय तो यूरोपीय देशों में भी पहुंच चुके हैं। भारतीय समुदाय कतर में द्विपक्षीय संबंधों का सेतु बना हुआ है। कुल मिलाकर वहां भारतीयों का दबदबा कायम है। पूर्व नौसैनिकों की रिहाई उस समय हुई है जब भारत ने कतर से 20 साल के लिए एलएनजी खरीद का अहम समझौता किया है। इस समझौते के तहत कतर हर साल भारत को 7.5 मिलियन टन गैस निर्यात करेगा और यह सौदा 78 अरब डॉलर का है। रिहा किए गए आठों पूर्व सैनिक दाहरा ग्लोबल टैक्नोलाेजीज में काम करते थे। कतर की सरकार ने इन्हें कतर के पनडुब्बी कार्यक्रम के संबंध में इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इन्हें रिहा करवाना भारत के लिए चुनौतीपूर्ण था। भाजपा की एक पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के पैगम्बर मोहम्मद को लेकर दिए गए बयान के बाद आलोचना वाली आवाजों में से एक थी। खाड़ी देेशों में वैसे भी कश्मीर और भारतीय मुसलमानों को लेकर तनाव दिखाई देता रहा है। भू राजनीति के चलते कतर और ईरान काफी करीब हैं। ईरान और इजराइल आपसी दुश्मन हैं और भारत इजराइल के करीब है। भारतीय नागरिकों को षड्यंत्र के तहत फंसाया गया था। कतर के अमीर ने भारत की भावनाओं का सम्मान करते हुए इन सभी को ​रिहा कर दिया जिसके लिए भारत ने उनका आभार व्यक्त किया है।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Aditya Chopra

View all posts

Aditya Chopra is well known for his phenomenal viral articles.

Advertisement
×