देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर के पार, चौथा सबसे बड़ा भंडार बना देश
01:47 PM Oct 05, 2024 IST | Saumya Singh
विदेशी मुद्रा : भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार रिकॉर्ड 700 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस बढ़ोतरी के साथ ही भारत चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद 700 अरब डॉलर से अधिक विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। यह वृद्धि लगातार सातवें हफ्ते में देखी गई है और इसकी वजह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डॉलर खरीदने और वैल्यूएशन में वृद्धि को बताया जा रहा है।
Advertisement
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार का रिकॉर्ड
आरबीआई द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 27 सितंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 12.588 अरब डॉलर बढ़कर 704.885 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले के हफ्ते में भंडार में 2.84 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी, जो कि 692.30 अरब डॉलर था। यह जुलाई 2023 के मध्य के बाद से सबसे बड़ी साप्ताहिक वृद्धि है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
Advertisement
Advertisement
आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख घटक माने जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 10.47 अरब डॉलर बढ़कर 616.15 अरब डॉलर हो गई हैं। इसके साथ ही, स्वर्ण भंडार का आरक्षित मूल्य भी 2.18 अरब डॉलर बढ़कर 65.79 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) भी इस दौरान 80 लाख डॉलर की वृद्धि के साथ 18.55 अरब डॉलर हो गया।

हालांकि, इस अवधि में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार 7.1 करोड़ डॉलर घटकर 4.39 अरब डॉलर रह गया है। यह बदलाव भारत के समग्र विदेशी मुद्रा भंडार के वृद्धि के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आरबीआई की नीतियों और आर्थिक स्थिरता का असर भंडार पर सकारात्मक रूप से पड़ा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस वृद्धि से भारत की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता को भी बढ़ाएगी। 700 अरब डॉलर का यह मील का पत्थर न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक आर्थिक संदर्भ में भी एक महत्वपूर्ण संकेत है। भारत का बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार विभिन्न बाह्य कारकों, जैसे कि निर्यात में वृद्धि, विदेशी निवेश में सुधार और अन्य आर्थिक गतिविधियों के कारण संभव हुआ है।
Advertisement

Join Channel