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वित्त वर्ष 2026 में भारत की GDP वृद्धि 6.5% रहने का अनुमान: RBI

भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती का अनुमान 2026 तक

05:26 AM May 29, 2025 IST | IANS

भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती का अनुमान 2026 तक

आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि 6.5% रहने का अनुमान है। मजबूत आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों, वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता और सस्टेनेबल विकास के प्रति प्रतिबद्धता के कारण भारत वैश्विक अस्थिरता के बावजूद तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत के लिए रियल जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें जोखिम समान रूप से संतुलित हैं। आरबीआई ने अपनी ‘2024-2025 वार्षिक रिपोर्ट’ में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अपने मजबूत आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों, वित्तीय क्षेत्र और सस्टेनेबल विकास के प्रति प्रतिबद्धता के साथ वित्त वर्ष 2026 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता, भू-राजनीतिक और व्यापार तनाव, सप्लाई चेन व्यवधान, जलवायु से जुड़ी अनिश्चितताओं के बावजूद यह वृद्धि बनी रहेगी। सभी कारक ‘ग्रोथ आउटलुक’ के लिए डाउनसाइड और ‘मुद्रास्फीति आउटलुक’ के लिए ऊपर की ओर जोखिम पैदा करते हैं।

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भारत का आउटलुक 2025-2026 के लिए आशाजनक बना हुआ है। इस आउटलुक को उपभोक्ता मांग में सुधार, बैंकों और कॉरपोरेट्स की हेल्दी बैलेंस शीट, आसान वित्तीय स्थिति, सेवा क्षेत्र की निरंतर मजबूती और उपभोक्ता-व्यावसायिक आशावाद से मजबूती मिलेगी। साथ ही राजकोषीय कंसोलिडेशन के मार्ग पर चलते हुए पूंजीगत व्यय पर सरकार का निरंतर जोर भी इस मजबूत आउटलुक को समर्थन देगा। आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है, “सामान्य से बेहतर दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्पादकता बढ़ाने वाली कई सरकारी नीतियों की वजह से 2025-26 में कृषि क्षेत्र के लिए संभावनाएं अनुकूल दिख रही हैं। साथ ही केंद्रीय बजट 2025-26 में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहलों की घोषणा की गई है।”

इसके अलावा, घरेलू मांग में सुधार, उपयोग की उच्च क्षमता, कॉरपोरेट-बैंकों की हेल्दी बैलेंस शीट और उपभोक्ता-व्यावसायिक आशावाद से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को 2025-26 में और गति मिलने की उम्मीद है। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार का ध्यान पीएलआई योजना और नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन घोषणा के साथ मैन्युफैक्चरिंग के बेस को बढ़ाने पर है, जिसे ‘मेक इन इंडिया’ पहल से और अधिक बढ़ावा मिलेगा। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को लेकर आशावाद, आरबीआई के फॉर्वर्ड लुकिंग सर्वे में भी दिखाई देता है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने भू-राजनीतिक तनावों के बीच वित्त वर्ष 2025 में मजबूत बुनियादों और सक्रिय नीति उपायों के साथ बेहतर प्रदर्शन किया था।

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