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वैश्विक मंदी के बीच India की निवेश विश्वास में सर्वाधिक 12.6% की बढ़त: रिपोर्ट

07:53 PM Jul 20, 2025 IST | Amit Kumar
India

डन एंड ब्रैडस्ट्रीट (D&B) की "ग्लोबल बिजनेस इन्वेस्टमेंट कॉन्फिडेंस इंडेक्स" रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही में भारत (India) ने 32 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज साल-दर-साल निवेश विश्वास (Investment trust) वृद्धि दर्ज की है। भले ही व्यापारिक विश्वास में 1.4% की हल्की गिरावट आई हो, लेकिन भारत की सालाना वृद्धि 12.6% रही, जो अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक व्यापार निवेश विश्वास सूचकांक में तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) आधार पर 13.1% की गिरावट हुई है। यह लगातार तीसरी तिमाही है जब वैश्विक व्यापारिक विश्वास में गिरावट देखी गई। इस बार सभी पांच उप-सूचकांकों (जैसे: पूंजीगत व्यय, कार्यबल, राजस्व अपेक्षाएं आदि) में गिरावट आई है, जबकि पिछली तिमाही में सिर्फ दो क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई थी।

Supply Chain एक अहम मुद्दा

वहीं करीब 46.8% कंपनियों ने बताया कि उन्होंने निवेश योजनाएं बनाते समय आपूर्ति श्रृंखला(Supply Chain) की स्थिरता को सबसे अधिक प्राथमिकता दी। वहीं, टैरिफ की अनिश्चितता और घरेलू ब्याज दरों को सबसे कम अहमियत दी गई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला स्थिरता सूचकांक 99.9 पर था, जो सभी मापदंडों में सबसे नीचे रहा। (India)

वहीं इस तिमाही में विकसित देशों में निवेश विश्वास में ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिका में निवेश विश्वास में 16.7% की भारी गिरावट आई, जो वैश्विक सूचकांक को काफी प्रभावित करता है। फ्रांस, जापान, जर्मनी और स्पेन जैसे विकसित देशों में भी गिरावट देखी गई, जिससे पिछली तिमाही में हुआ सुधार खत्म हो गया।

उभरती अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति

रूसी संघ (-26.1%), ब्राज़ील (-23.9%) और दक्षिण अफ्रीका (-20.7%) जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में निवेश विश्वास में सबसे बड़ी गिरावट आई। ब्राज़ील में ब्याज दरों में भारी बढ़ोतरी के कारण पूंजी निवेश योजनाएं प्रभावित हुईं, जबकि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के चलते दक्षिण अफ्रीका की ऑटोमोबाइल निर्यात कंपनियों पर नकारात्मक असर पड़ा।

विनिर्माण बनाम सेवा क्षेत्र

विनिर्माण क्षेत्र में निवेश विश्वास में 17.2% की गिरावट आई, जबकि सेवा क्षेत्र में यह गिरावट 10.8% रही। सबसे ज्यादा गिरावट पूंजीगत वस्तुओं (-33.1%), खाद्य उत्पादों (-26.9%) और ऑटोमोटिव (-26.4%) निर्माण में दर्ज की गई। हालांकि रसायन उद्योग में गिरावट सबसे कम (-14.8%) रही, लेकिन यह अभी भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। (India)

क्षमता उपयोग में हल्की बढ़ोतरी

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि व्यवसायों ने सेवा क्षेत्र के लिए 68.9% और विनिर्माण क्षेत्र के लिए 69.3% की औसत क्षमता उपयोग की जानकारी दी है। यह 2024 की पहली तिमाही के बाद पहली बार तिमाही-दर-तिमाही सुधार है, लेकिन यह अब भी 2024 के औसत स्तर (74%) से नीचे है। (India)

यह भी पढ़ें-Indian Economy की विकास दर 2025-26 में 6.5% रहने की उम्मीद: EAC-PM

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