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Ax-4 मिशन में भारत के शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उड़ान

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की सफलता की कहानी

03:02 AM May 26, 2025 IST | Aishwarya Raj

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की सफलता की कहानी

भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक्सिओम मिशन 4 के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की ऐतिहासिक यात्रा के लिए तैयार हैं। यह मिशन, जो नासा और एक्सिओम स्पेस के सहयोग से संचालित है, अंतरिक्ष विज्ञान में एक नई दिशा प्रदान करेगा। शुभांशु के साथ अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एस्ट्रोनॉट्स भी इस मिशन में शामिल हैं।

भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जल्द ही एक्सिओम मिशन 4 के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की ओर रवाना होंगे। मिशन से पहले शुभांशु सहित चारों एस्ट्रोनॉट्स शनिवार को क्वारंटीन में चले गए। नासा के सहयोग से अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित यह प्राइवेट स्पेस मिशन अंतरिक्ष विज्ञान में एक नया अध्याय लिखने वाला है। मिशन की लॉन्चिंग 8 जून को तय की गई है। Ax-4 मिशन में भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एस्ट्रोनॉट्स शामिल हैं। भारत से शुभांशु शुक्ला, पोलैंड से स्लावोज़ उज़्नान्स्की, हंगरी से टिबोर कापू और अमेरिका से अनुभवी एस्ट्रोनॉट पैगी व्हिटसन मिशन में हिस्सा लेंगे। सभी ने नासा से 8 महीने की कड़ी ट्रेनिंग ली है। लॉन्च अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए किया जाएगा। चारों यात्री स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में यात्रा करेंगे।

स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जरूरी क्वारंटीन, स्पेशल विदाई सेरेमनी हुई आयोजित

अंतरिक्ष में किसी भी संक्रमण के खतरे को रोकने के लिए क्वारंटीन एक अनिवार्य प्रक्रिया होती है। चारों एस्ट्रोनॉट्स को मिशन से पहले आइसोलेशन में रखा गया है, ताकि वे पूरी तरह स्वस्थ रह सकें। क्वारंटीन में जाने से पहले एक्सिओम स्पेस ने एक स्पेशल विदाई समारोह आयोजित किया, जिसमें कर्मचारियों और वैज्ञानिकों ने पारंपरिक तरीके से क्रू को शुभकामनाएं दीं। शुभांशु ने विश्वास जताया कि यह मिशन कमर्शियल स्पेस फ्लाइट के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

शुभांशु शुक्ला: लखनऊ से अंतरिक्ष तक का सफर

उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी शुभांशु शुक्ला ने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पढ़ाई के बाद NDA पास की और भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट बने। 2006 में एयरफोर्स में शामिल हुए शुभांशु एक टेस्ट पायलट और फाइटर कॉम्बैट लीडर हैं। वे मिग-21, मिग-29, सुखोई-30, जगुआर जैसे कई लड़ाकू विमानों को उड़ा चुके हैं। उनके पास 2000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव है। मार्च 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन के पद पर प्रमोट किया गया।

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ISS क्या है? जानिए जहां जाएंगे शुभांशु

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पृथ्वी के चारों ओर 28,000 किमी/घंटे की रफ्तार से घूमने वाला एक विशाल अंतरिक्ष यान है। इसमें एस्ट्रोनॉट माइक्रोग्रैविटी में वैज्ञानिक रिसर्च करते हैं। यह हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करता है। अमेरिका, रूस, जापान, कनाडा और यूरोप की स्पेस एजेंसियों ने मिलकर इसे बनाया है। इसका पहला हिस्सा 1998 में लॉन्च किया गया था।

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