W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

भारत के रेशम उत्पादन और निर्यात में वृद्धि, उत्पादन 38,913 मीट्रिक टन पहुंचा

भारत में रेशम निर्यात 2,027.56 करोड़ रुपये पहुंचा

07:47 AM Apr 14, 2025 IST | Himanshu Negi

भारत में रेशम निर्यात 2,027.56 करोड़ रुपये पहुंचा

Advertisement
भारत के रेशम उत्पादन और निर्यात में वृद्धि  उत्पादन 38 913 मीट्रिक टन पहुंचा
Advertisement

भारत में कच्चे रेशम का उत्पादन 2023-24 में 38,913 मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जिससे रेशम उत्पादों का निर्यात 2,027.56 करोड़ रुपये हुआ। पिछले दस वर्षों में उत्पादन में 9,743 मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है। केंद्रीय योजनाओं और स्वचालित रीलिंग मशीनों की स्थापना ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

देश में कच्चे रेशम का उत्पादन जनवरी 2025 तक 34,042 मीट्रिक टन पर रहा, जिसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं 2023-24 वर्ष में, कुल 38,913 मीट्रिक टन कच्चे रेशम का उत्पादन किया गया और रेशम उत्पादों का निर्यात 2,027.56 करोड़ रुपये रहा। एमओएस द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले दस वर्षों में देश में कच्चे रेशम के उत्पादन में 9,743 मीट्रिक टन की बढ़ोतरी देखी गई है। बता दें कि केंद्रीय योजनाओं जैसे उत्प्रेरक विकास कार्यक्रम (सीडीपी), पूर्वोत्तर क्षेत्र वस्त्र संवर्धन योजना (NERTPS), रेशम उद्योग के विकास के लिए एकीकृत योजना (ISDSI), रेशम समग्र और रेशम समग्र-2 के माध्यम से हस्तक्षेप के कारण देश में कच्चे रेशम का उत्पादन बढ़ा है। जनवरी-2025 तक कच्चे रेशम उत्पादन के अनुसार रेशम क्षेत्र में अनुमानित रोजगार बढ़कर 80.90 लाख व्यक्ति है।

रेशम का उत्पादन

देश में 109 स्वचालित रीलिंग मशीनों (AMR) की स्थापना और संचालन से देश में अंतरराष्ट्रीय ग्रेड (3ए और 4ए) गुणवत्ता वाले रेशम का उत्पादन बढ़ा है। बता दें कि 26 मार्च को प्रश्न का उत्तर देते हुए राज्य मंत्री ने कहा था कि सरकार केंद्रीय रेशम बोर्ड के माध्यम से वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक देश में रेशम उद्योग के समग्र विकास के लिए 4,679.85 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ रेशम समग्र-2 योजना का क्रियान्वयन कर रही है। योजना के तहत राज्यों को विभिन्न लाभार्थी प्रमुख क्षेत्र स्तरीय महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

रेशम उत्पादन क्षेत्र का विकास

जिसमें किसान नर्सरी की स्थापना, रेशमकीट पालन पैकेज, प्री-कोकून क्षेत्र में चॉकी पालन केंद्रों की स्थापना, रेशमकीट बीज क्षेत्र के लिए समर्थन और बुनियादी ढांचा उन्मुख हस्तक्षेप रेशम समग्र-2 योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 78,000 लाभार्थियों को कवर करने के लिए राज्यों को 1,075.58 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की गई है। जिसका उद्देश्य रेशम उत्पादन क्षेत्र के विकास और स्थिरता के लिए कोकून से पहले और बाद की गतिविधियों/मशीनों को कवर करने वाले लाभार्थी-उन्मुख घटकों के कार्यान्वयन के लिए है।

 रेशम का उत्पादन

दुनिया भर में भारत रेशम का दूसरे स्थान पर सबसे बड़ा उत्पादक है। बता दें कि छत्तीसगढ़, झारखंड, और ओडिशा में रेशम का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है। रेशम में सबसे  महंगा बिकने वाला शहतूत रेशम जम्मू और कश्मीर, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पाया जाता है। बता दें कि रेशम भारतीय इतिहास और संस्कृति को दर्शाता है। वहीं रेशम के कीड़ों से बनाये जाना वाला रेशम बेहद मजबूत और मिट्टी जैसी आकृति को दर्शाता है।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Himanshu Negi

View all posts

Advertisement
Advertisement
×