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भारत के छह मुक्केबाज फाइनल में

एंख-अमर खाखु को अपने घूसों से पस्त किया। इस दौरान दोनों मुक्केबाजों की आंख पर चोट भी लगी लेकिन भारतीय मुक्केबाज 3-2 से जीत दर्ज करने में सफल रहा।

01:02 PM Apr 26, 2019 IST | Desk Team

एंख-अमर खाखु को अपने घूसों से पस्त किया। इस दौरान दोनों मुक्केबाजों की आंख पर चोट भी लगी लेकिन भारतीय मुक्केबाज 3-2 से जीत दर्ज करने में सफल रहा।

बैंकाक : अमित पंघाल (52 किग्रा) और कविंदर सिंह बिष्ट (56 किग्रा) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने लगातार दूसरे स्वर्ण पदक की तरफ कदम बढ़ाते हुए छह अन्य भारतीयों के साथ गुरूवार को यहां एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया। पंघाल और बिष्ट ने बेहद प्रभावशाली प्रदर्शन किया लेकिन लगातार चौथी बार सेमीफाइनल में पहुंचे शिव थापा (60 किग्रा) का अभियान यहीं पर थम गया और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

पुरूषों के वर्ग में पंघाल और बिष्ट के अलावा दीपक सिंह (49 किग्रा) और आशीष कुमार (75 किग्रा) भी फाइनल में पहुंच गये हैं महिला वर्ग में पूजा रानी (75 किग्रा) और सिमरनजीत कौर (64 किग्रा) शुक्रवार को होने वाले खिताबी मुकाबले में जगह बनाने में सफल रही। पंघाल ने चीन के हु जियानगुआन को खंडित फैसले से हराया। यह हैरानी भरा था क्योंकि भारत दोनों मुक्केबाजों में अधिक प्रभावशाली थी तथा उन्होंने अपनी तेजी और आक्रामकता से अपने प्रतिद्वंद्वी को पस्त किया। बिष्ट ने क्वार्टरफाइनल में मौजूदा विश्व चैम्पियन कजाखस्तान के काईरात येरालिएव को पराजित किया।

इसके बाद उन्होंने मंगोलिया के एंख-अमर खाखु को अपने घूसों से पस्त किया। इस दौरान दोनों मुक्केबाजों की आंख पर चोट भी लगी लेकिन भारतीय मुक्केबाज 3-2 से जीत दर्ज करने में सफल रहा। थापा ने भी 2015 के रजत पदक विजेता कजाखस्तान के जाकिर सैफुलिन के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन अंतिम राउंड में वह कमजोर पड़ गये और खंडित फैसले में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। पुरूष वर्ग में आशीष (69 किग्रा) और सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक) को भी कांस्य पदक मिला। आशीष को उज्बेकिस्तान के बोबो उस्मान बातुरोव ने 0-5 से हराया जबकि सतीश ने चोटिल होने के कारण कजाखस्तान के कामशिबेक कुनाकाबयेव को वाकओवर दिया।

महिलाओं के वर्ग में अनुभवी एल सरिता देवी (60 किग्रा), पिछली बार की रजत पदक विजेता मनीषा (54 किग्रा), पूर्व विश्व जूनियर चैंपियन निखत जरीन (51 किग्रा) और विश्व रजत पदक विजेता सोनिया चहल (57 किग्रा) को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। भारत के लिये दिन की शुरुआत अच्छी रही। दीपक को लगातार दूसरा वाकओवर मिला। कजाखस्तान के तेमिरतास झुसुपोव ने चोट के कारण हटने का फैसला किया जिससे राष्ट्रीय चैम्पियन सीधे फाइनल में पहुंच गया। आशीष कुमार ने ईरान के सेयेदशाहिन मौसावी को अपने तेज तर्रार मुक्कों से वापसी का कोई मौका नहीं दिया और फाइनल में प्रवेश किया। महिलाओं में मनीषा ताईवान की हुआंग सियाओ वेन से हार गयी जबकि सरिता (60 किग्रा) को चीन की यांग वेनलू से पराजय मिली। जरीन को वियतनाम की नगुयेन थी ताम के खिलाफ संघर्षपूर्ण मुकाबले में हार झेलनी पड़ी।

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