भारत का Tea Export 10 साल के उच्चतम स्तर पर, 255 मिलियन किलोग्राम पहुंचा
वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय चाय निर्यात में 10% की वृद्धि
भारत का चाय निर्यात 2024 में 255 मिलियन किलोग्राम के साथ 10 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। असम, दार्जिलिंग और नीलगिरि की चाय वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बना चुकी है। भारतीय चाय बोर्ड के अनुसार, भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद निर्यात में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत 25 से अधिक देशों को चाय निर्यात करता है, जिसमें यूएई, इराक, ईरान, रूस, अमेरिका और यूके प्रमुख बाजार हैं।
भारत में असम, दार्जिलिंग और नीलगिरि राज्य की चाय दुनिया की सबसे बेहतरीन चाय की सूची में शामिल है। बता दें कि भारत से निर्यात की जाने वाली अधिकांश चाय ‘ब्लैक टी’ है, जो कुल निर्यात का लगभग 96 प्रतिशत है। चाय में रेगुलर टी, ग्रीन टी, हर्बल टी, मसाला टी और लेमन टी शामिल हैं। भारत ने चाय उत्पादन को बढ़ावा देने, भारतीय चाय के लिए एक विशिष्ट ब्रांड बनाने और चाय उद्योग से जुड़े परिवारों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन्हीं महत्वपूर्ण कदमों की वजह से ही भारतीय चाय बोर्ड ने आकंड़े जारी करते हुए कहा कि भू-राजनीतिक तनावों के कारण वैश्विक बाजार में अनिश्चितताओं के बावजूद भारत का चाय निर्यात 2024 वर्ष में 10 साल के उच्चतम स्तर 255 मिलियन किलोग्राम पर पहुंच गया।
भारतीय चाय बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, देश के निर्यात में वर्ष 2023 के दौरान रिकॉर्ड 231.69 मिलियन किलोग्राम से 10 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई। बता दें कि निर्यात बाजार में भारतीय चाय की औसत कीमत में भी 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे चाय उद्योग को राहत मिली। वहीं 2023 में खराब मौसम से चाय का बाजार प्रभावित हुआ था।
असम में दो चाय उत्पादक
भारत 25 से अधिक देशों को चाय निर्यात करता है, जिसमें यूएई, इराक, ईरान, रूस, अमेरिका और यूके प्रमुख बाजार हैं। भारत दुनिया के टॉप पांच चाय निर्यातकों में से एक है, जो कुल विश्व निर्यात का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा है। असम घाटी और कछार असम में दो चाय उत्पादक क्षेत्र हैं। पश्चिम बंगाल में, दोआर्स, तराई और दार्जिलिंग तीन प्रमुख चाय उत्पादक क्षेत्र हैं। भारत का दक्षिणी भाग देश के कुल उत्पादन का लगभग 17 प्रतिशत उत्पादन करता है, जिसमें तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।