IndiGo संकट पर अब दिल्ली HC ने जताई नाराजगी, केंद्र को भी लगाई फटकार
IndiGo Flight latest Updates: पिछले एक हफ्ते में Indigo एयरलाइंस द्वारा बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द किए जाने से यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी है। हजारों लोग एयरपोर्ट पर फंस गए और टिकट के रेट भी अचानक बढ़ गए। अब स्थिति धीरे–धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन इस घटना ने कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी मामले पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार और एयरलाइन दोनों को फटकार लगाई।
IndiGo Flight latest Updates: कोर्ट ने पूछा, ऐसी स्थिति अचानक कैसे बनी?
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि इतनी बड़ी अव्यवस्था एकदम से क्यों पैदा हुई? कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि जब उड़ानें रद्द हो रही थीं और लोग एयरपोर्ट पर अटके हुए थे, तब उनकी सहायता के लिए क्या कदम उठाए गए? बेंच ने सरकार से स्पष्ट किया कि यह केवल यात्रियों को हुई परेशानी का मामला नहीं है, बल्कि इसमें आर्थिक नुकसान, सिस्टम की खामियां और एयरलाइन स्टाफ की जिम्मेदारी तय करने जैसे गंभीर पहलू शामिल हैं।

Delhi High Court on IndiGo: फंसे यात्रियों को लेकर कोर्ट के सवाल
कोर्ट ने कहा कि एयरपोर्ट पर रुके हुए यात्रियों के लिए क्या व्यवस्था की गई? क्या उन्हें खाने, रहने या दूसरी उड़ानों में समायोजित करने में सरकार या एयरलाइन ने पर्याप्त सहायता दी? साथ ही, कोर्ट ने पूछा कि प्रभावित यात्रियों को मुआवजा देने की प्रक्रिया क्या है और इसे कैसे सुनिश्चित किया जा रहा है?
IndiGo News Today: बढ़ते किराए पर नाराजगी
हाईकोर्ट ने टिकट दरों में अचानक हुई भारी वृद्धि पर भी सख़्त सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि जो टिकट पहले 5,000 रुपये में मिलते थे, वे बढ़कर 30,000–35,000 रुपये तक कैसे पहुंच गए? बेंच ने पूछा कि संकट के समय दूसरी एयरलाइंस को ऐसे बढ़े हुए किराए वसूलने की इजाजत कैसे दे दी गई? क्या इस तरह के हालात में किसी तरह की सीमा तय नहीं की जानी चाहिए थी?

Spicejet News Today:सरकार का पक्ष, FDTL नियम और हस्तक्षेप
सरकार की ओर से पेश ASG चेतन शर्मा ने बताया कि फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) को लंबे समय से लागू करने की योजना थी, लेकिन एयरलाइन ने अतिरिक्त समय की मांग की थी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने पहली बार सीधे हस्तक्षेप करते हुए किराए की अधिकतम सीमा तय की है, जो अपने आप में एक बड़ा नियामकीय कदम है।
मुआवजे पर कोर्ट का कठोर रुख
हाईकोर्ट ने केंद्र, DGCA और इंडिगो से स्पष्ट कहा कि एयरपोर्ट पर फंसे हर यात्री को उचित मुआवजा दिया जाए। कोर्ट ने याचिका की अधूरी तैयारी पर नाराज़गी जताई, लेकिन जनहित को देखते हुए मामले पर सुनवाई जारी रखने का फैसला किया। कोर्ट ने यह भी पूछा कि पायलटों के ड्यूटी टाइमिंग नियमों को समय पर लागू क्यों नहीं किया गया? एयरलाइन समय रहते पर्याप्त पायलट क्यों नहीं नियुक्त कर पाई? इस पर ASG ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इंडिगो के COO को निलंबित कर दिया गया है।

22 जनवरी 2026 को अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 22 जनवरी 2026 तय की है। कोर्ट ने सभी पक्षकारों को अपने जवाब फाइल करने के निर्देश दिए। साथ ही, जांच के लिए बनी कमेटी को अगली सुनवाई से पहले रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में जमा कराने का आदेश दिया गया है।
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