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भारत -22 ईटीएफ -भारत के विकास के इतिहास में सशक्त भागीदार

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11:54 AM Nov 17, 2017 IST | Desk Team

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारत-22 ईटीएफ की घोषणा की थी। यह घोषणा उनके 2017 -2018 के बजट के प्रावधानों के अनुरूप था, जिसमें उन्होंने ईटीएफ को शेयरों को विनिवेश करने का एक सशक्त साधन बनाने हेतु वादा किया था। फिलहाल बाजार में कई ईटीएफ
के विभिन्न वेराइटी उपलब्ध हैं, तो ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि यह नया नवेला ईटीएफ बाकी दूसरों से किस तरह अलग है।

विशेष बातें-
इस ईटीएफ की विशेषता यह है कि इसमें सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेस (सीपीएसई), सार्वजनिक बैंक और एसयूयूटीआई के कुछ रणनीतिगत शेयर शामिल होते हैं। यह सभी नाम मुख्यतया 6 सेक्टरों जैसे कि बेसिक मटेरियल, उर्जा, वित्त, एफएमसीजी, उद्योग और सेवाएं के दायरे में आती हैं। इससे यह सिद्ध हो जाता है कि इसके सूचकांक में सभी तरह के वृद्धि की संभावनाएं  चाहे वह एफएमसीजी हो या सेवा आधारित वस्तुएं हों, या फिर उर्जा, धातु और उद्योग से संबंधित चक्रीय संभावनाएं हों।

ईटीएफ का यह घटक पहले के सीपीएसई ईटीएफ से काफी अलग है, जिसमें कुल पोर्टफोलियो का 85 फीसदी हिस्सा मुख्यतया उर्जा, धातु और वित्तीय सेवाओं से हुआ करती थी। पुरानी योजनाओं को थोड़ा और सुधारने के मद्देनजर भारत 22 ईटीएफ में सेक्टर के क्षेत्र में 20 फीसदी का कैप जबकि स्टॉक के क्षेत्र में 15 फीसदी का कैप लगा दिया गया है।

आपको क्यों निवेश करना चाहिए?
भारत के विकास के इतिहास में योगदान ,  भारत -22 पोर्टफोलियो में शामिल ज्यादातर स्टॉक ने भारत की बुनियाद और इसके आर्थिक वृद्धि
के नवनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया है। इसमें लार्सन एंड टूब्रो जैसी कंपनियों को सबसे ज्यादा 17 फीसदी का वेटेज मिला है। उसके बाद आईटीसी (15.2 फीसदी), एसबीआई (8.6 फीसदी) पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन (7.9 फीसदी) और एक्सिस बैंक 7.7 फीसदी का नंबर आता है। खुद वित्त मंत्री के अनुसार सेक्टरों का चयन उनमें आ रहे सुधारों को देखकर किया गया है और जिनके स्टॉक्स के
मूल्यांकन में इनका काफी प्रभाव रहा है।

निवेश को विविधीकृत कीजिए-
भारत 22 ईटीएफ किसी थीम विशेष सेक्टर पर आधारित नहीं है। इसके पोर्टफोलियो का ज्यादातर हिस्सा या यूं कह लीजिए कि 90 फीसदी हिस्सा लॉर्ज कैप स्टॉक में निवेशित है, जिससे पोर्टफोलियो में स्थिरता आती है और इसमें उतार-चढ़ाव भी कम देखा जाता है। ईटीएफ निवेशकों को कुछ उच्च गुणवत्ता वाले मिड कैप और स्माल कैप स्टॉक्स में निवेश करने के उपरांत अच्छा खासा रिटर्न देने का अवसर देता है, जो कि कुल पोर्टफोलियो का 8 और 2 फीसदी तक हो सकता है । इस उद्देश्य से कि पोर्टफोलियो विविधीकृत होगा, भारत 22 के सूचकांक में प्रत्येक स्टॉक का 15 फीसदी उच्चतम सीमा तय कर दी गई है, जबकि किसी सेक्टर विशेष के स्टॉक्स की सीमा 20 फीसदी तक तय की
गई है ताकि ज्यादा निवेश की गुंजाइश न रहे।

आसानी से निवेश कीजिए-
हालांकि ईटीएफ को म्युचुअल फंड माना जाता है, परंतु इनकी प्रकृति काफी तरल होती है क्योंकि इन्हें स्टॉक एक्सचेंजों में ट्रेड किया जाता है। निवेशक आसानी से भारत 22 ईटीएफ के युनिट की खरीदी और बिक्री स्टॉक एक्सचेंजों में वास्तविक समय के आधार पर कर सकते हैं और ईटीएफ यूनिट का मूल्य इनमें मौजूद स्टॉक्स के मूल्य के अनुरूप गिरता या बढ़ता रहता है। चूंकि वे स्टॉक जिनमें भारत 22 निवेश करेगा, काफी तरल किस्म के हैं, अतएव ऐसी उम्मीद की जाती है कि इनमें निवेशकों का एक बहुत बड़ा वर्ग प्रवेश करेगा, जिससे इनके कारोबार की लागत भी कम होगी। इसके अतिरिक्त ईटीएफ  0.5 फीसदी से लेकर एक फीसदी तक का कमतर खर्च अनुपात वहन करेगा, क्योंकि इनका
प्रबंधन काफी सक्रियता से किया जाता है और इसके चलते लंबी अवधि में आपके धन संग्रह में वृद्धि होगी।

अच्छे रिटर्न प्राप्त कीजिए-
यह सच है कि भारत 22 ईटीएफ बेहद ही नया है, परंतु इसके पिछले रिटर्न बताते हैं कि इसने न सिर्फ बीएसई सेंसेक्स में उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन किया है, परंतु कई लॉर्ज फंडों में भी सबसे बेहतरीन रिटर्न दिया है। मार्च 2006 के (10 सालों में ) बाद भारत 22 सूचकांक ने 12.9 फीसदी का रिटर्न दिया जबकि सेंसेक्स ने 9.2 फीसदी का रिटर्न दिया। इस अवधि में अगर आपने एक लाख रुपये का निवेश किया था तो भारत 22 से यह अब तक 3.4 लाख रुपये हो गया, जबकि यही राशि बीएसई सूचकांक में 2.4 लाख रुपये होती। भारत 22 सूचकांक ने लाभांश भी काफी अच्छा खासा दिया और यह वित्त वर्ष 2016-17 में 2 फीसदी तक की ऊंचाई पर पहुंच गया। जबकि बीएसई सेंसेक्स ने इसी दौरान 1.3 फीसदी का लाभांश ऑफर किया।

इससे पहले सरकार द्वारा सीपीएसई ईटीएफ द्वारा किये गए अॉफर ने भी निवेशकों को काफी अच्छा रिटर्न दिया, जिसने उन्हें पिछले एक साल में 17.5 फीसदी तक का रिटर्न दिया, और तब से वे निवेशकों से अच्छा खासा पैसा उगाहने में कामयाबी पाई है और इससे कुल परिसंपत्ति बढ़कर 5800 करोड़ रुपये तक हो गई है। इसके अतिरिक्त उन्हें खर्च का अनुपात कम करने में भी काफी सफलता मिली है, और यह कम होकर 0.7 फीसदी तक पहुंच गई है जो कि दूसरे इक्विटी म्युचुअल फंड की 2 फीसदी की तुलना में काफी कम है।

ज्यादा संभावना है कि भारत 22 ईटीएफ के लिए सरकार बाजार मूल्य के लिए कोई विशेष छूट की पेशकश कर सकती है। अगर आप भारत के विकास की राह में एक सक्रिय योगदान निभाना चाहते हैं और इस हेतु सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र की कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं तो यह फंड आपके लिए सर्वोत्तम फंड है।

पंकज मठपाल

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