अपनी 'नींद मत खोइए' डीपसीक को लेकर इंफोसिस CEO नीलेकणी का बड़ा बयान
नीलेकणी का डीपसीक पर बयान: नींद न खोने की दी सलाह
नीलेकणि ने कहा कि भारत ने कई छोटे एआई मॉडल विकसित किए हैं और डीपसीक को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत में एआई तकनीक को तेजी से अपनाया जाएगा।
इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि ने कहा कि भारत ने कई छोटे पैमाने के एआई मॉडल विकसित किए हैं और अब उसे चीन के डीपसीक के बारे में चिंता करने के बजाय उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां इस तकनीक को तेजी से अपनाया जाएगा। नीलेकणी ने आगे कहा,”हमें इस बात को लेकर चिंता नहीं करना चाहिए कि अभी तक किसी ने भी अपना AI मॉडल विकसित नहीं किया है। उन्होंने आगे कहा भारत ने अपनी AI मिशन की स्थापना की है और उसके पास छोटे मॉडल हैं।
AI को भारत में तेजी अपनाने की तैयारी
नीलेकणि ने यह भी कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को दुनिया की तुलना में भारत में तेजी से अपनाया जा सकता है क्योंकि देश ने पिछले 15 वर्षों में भारी तकनीकी प्रगति की है। कार्नेगी ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट 2025 में बोलते हुए नीलेकणि ने कहा कि भारत में एआई को तेजी से अपनाए जाने के कारण तकनीक का भी बहुत तेजी से विकास होगा।
भारतीय AI के गिनाए फायदे
नीलेकणी ने कहा कि मोबाइल फोन इंटरफेस में टाइपिंग और टच से लेकर आवाज और वीडियो तक की सुविधा होगी। उन्होंने कहा, “उत्पादक एआई और एआई की तर्क क्षमता के कारण, आप स्थिर से गतिशील प्रासंगिक जानकारी की ओर बढ़ेंगे जो जरूरत पड़ने पर आपकी उंगलियों पर होगी।” उन्होंने कहा कि ये चीजें भारत को दुनिया की एआई उपयोग मामले की राजधानी बना देंगी।
AI क्रांति में डीपसीक का क्या रोल ?
डीपसीक एक चीनी एआई कंपनी है जो प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (एनएलपी) और मशीन लर्निंग में विशेषज्ञता रखती है। इसे ओपनएआई के चैटजीपीटी और गूगल के जेमिनी जैसे अग्रणी एआई मॉडल के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। डीपसीक ने मानव-जैसे पाठ को समझने और उत्पन्न करने में सक्षम परिष्कृत एल्गोरिदम विकसित किए हैं, जिससे यह एआई उद्योग में एक मजबूत दावेदार बन गया है।
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