आदर्श समाज सेविका आशा शर्मा का प्रेरणादायी सहस्त्र चंद दर्शन उत्सव
पिछले दिनों यानि पहली जनवरी को श्रीमती आशा शर्मा जी के जन्मदिन के अवसर पर उनके परिवार के सदस्यों और आर.एस.एस. के सह-कार्यवाह अरूण कुमार, प्रचार प्रमुख सुनील अम्बेकर, विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार,राष्ट्र सेविका समिति की रेखा राजे, राधा मेहता, और नागपुर से राष्ट्र सेवा समिति की प्रमुख शांता अक्का के साथ शामिल होने का अवसर मिला।
05:03 AM Jan 05, 2022 IST | Kiran Chopra
पिछले दिनों यानि पहली जनवरी को श्रीमती आशा शर्मा जी के जन्मदिन के अवसर पर उनके परिवार के सदस्यों और आर.एस.एस. के सह-कार्यवाह अरूण कुमार, प्रचार प्रमुख सुनील अम्बेकर, विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार,राष्ट्र सेविका समिति की रेखा राजे, राधा मेहता, और नागपुर से राष्ट्र सेवा समिति की प्रमुख शांता अक्का के साथ शामिल होने का अवसर मिला।
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आप सबको मालूम है कि मैं जब भी कुछ अच्छा देखती, सुनती या अनुभव करती हूं तो आप सबसे जरूर शेयर करती हूं। क्या नजारा था? सारा परिवार था। अमेरिका से उनका बेटा, बहू, दामाद, नातिन और यहां से भी उनकी बेटी मन्नु उपस्थित थी। 81 दीप जलाए गए और थालों में रखकर आरती उतारी गई और नागपुर से आयी रोहिणी जी, चित्रा जी ने साथ मंत्र पढ़े। मैं कहती हूं, हर घर में ऐसे ही बुजुर्गों के जन्मदिन व सम्मान होने चाहिए।
आशा जी, हमेशा से मेरी मार्गदर्शक रही हैं। ऐसा व्यक्तित्व जिसने सारी उम्र देश, समाज की सेवा की। वह तो और भी पूजने लायक हो जाते हैं। वैसे भी हमारे धर्म शास्त्रों में लंबी आयु पाकर सहस्त्र चंद्र दर्शन करने वालों को बड़ा सौभाग्यशाली, उच्चकोटि का सफल व्यक्ति माना जाता है। समाज-कल्याण में अग्रसर समाज सेविका आशा शर्मा (81) इसकी ज्वलंत उदाहरण हैं। जिन्होंने अपने सुयोग्य पति आदरणीय रमेश प्रकाश शर्मा का भरपूर सहयोग किया। वहीं विदुषी, आदर्श मां, शिक्षिका बनकर राष्ट्र की अद्भुत सेवा की।
राष्ट्र सेविका समिति की पूर्व सह-कार्यवाहिका की जिम्मेदारियां निभाते हुए घर, परिवार व सामाजिक दायित्व निभाया। उन्होंने अपने यशस्वी जीवन के 80 वर्ष पूरे किए। बड़े बुजुर्गों के 81 वर्षीय अवस्था, दीर्घायु पाने पर खुशियां मनाकर उनका सम्मान करना, उनके लिए उपहार देना, उनके लिए सहस्त्र चंद्र दर्शन यज्ञ रचाना, हमारी प्राचीन सनातन वैदिक संस्कृति का हिस्सा है। हमारे यहां सभी वैदिक संस्कारों में जहां बच्चों को लंबी उम्र पाने की प्रेरणा मिलती है, वहीं भावी, युवा -पीढ़ी को त्याग, सादा जीवन, उच्च विचार के भाव से कर्म योगी बनाने की शिक्षाएं दी जाती हैं। बड़े विधि-विधान से मंत्रों के साथ 1000 चंद्र दर्शन का महत्व समझाया कि इस लोक में जीवन सार्थक करना हो तो घर, परिवार, राष्ट्र की सेवा भी की जा सकती है। इसके लिए पूज्या आशा शर्मा ने संघ के माध्यम जहां हजारों नारियों को आदर्श समाज सेविका बनाया तो उनके पतिदेव रमेश प्रकाश शर्मा जी चौपाल के कार्यक्रम में पधार कर व सेवा बस्तियों में रहने वाले मेहनतकश लोगों को स्वरोजगार दिलाने, ऑटो-रिक्शा ऋण वितरण कार्यक्रम में पधारकर उन्होंने अच्छी शिक्षाएं दी। ईमानदारी से कार्य करने की प्रेरणा देते
रहते थे। उन्होंने भी समाज को जोडऩे में 50 वर्ष सेवाएं दीं। इस कर्मयोगी परिवार से सीखने की जरूरत है। जहां सहस्त्र चंद्र दर्शन उत्सव यज्ञ में सभी सदस्यों ने उत्साह से भाग लिया तथा समाज को एक रचनात्मक संदेश दिया कि वह भी अपने अपने वरिष्ठजनों को भरपूर समय, सम्मान, सत्कार करते हुए उनकी मनचाही खुशियों में भागीदार बनें तथा उनका आशीर्वाद पाएं। द्य
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