Operation Sindoor से प्रेरित होकर 17 परिवारों ने बेटियों का नाम रखा सिंदूर, कहा- हौसला देगा ये शब्द
ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित 17 परिवारों ने बेटियों का नाम सिंदूर रखा
भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता ने कुशीनगर के 17 परिवारों को प्रेरित किया, जिन्होंने अपनी बेटियों का नाम ‘सिंदूर’ रखा है। यह नाम अब केवल एक शब्द नहीं बल्कि देशभक्ति और हौसले की भावना का प्रतीक बन गया है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने लोगों के दिलों को इस कदर छू लिया है कि लोग अपनी बेटियों का नाम उनके नाम पर रखने लगे हैं। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में 17 नवजात बेटियों के परिवारों ने उनका नाम ‘सिंदूर’ रखा है। परिवारों का कहना है कि ‘सिंदूर’ सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि एक भावना है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता से प्रेरित होकर और देशभक्ति की भावना से प्रेरित होकर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में 17 नवजात बच्चियों का नाम उनके परिवार ने ‘सिंदूर’ रखा है। कुशीनगर निवासी अर्चना शाही ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब ‘सिंदूर’ सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि एक भावना है, जिसके चलते उन्होंने और उनके परिवार वालों ने अपनी बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखने का फैसला किया।
‘सिंदूर’ एक शब्द नहीं, भावना है
परिवार ने कहा हमें ऑपरेशन सिंदूर पर गर्व है बेटी को जन्म देने वाली अर्चना शाही ने कहा, ‘पहलगाम हमले में कई महिलाओं ने अपने पति खो दिए। उसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। हम सभी को इस पर गर्व है। अब ‘सिंदूर’ एक शब्द नहीं बल्कि एक भावना है। इसलिए हमने अपनी बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखने का फैसला किया।”
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरके शाही ने सोमवार को बताया, ”कुशीनगर मेडिकल कॉलेज में दो दिन के अंतराल में जन्मी 17 नवजात बच्चियों का नाम उनके परिजनों ने ‘सिंदूर’ रखा है।” शाही ने बताया कि कुशीनगर जिले के पडरौना क्षेत्र के मदन गुप्ता की बहू काजल गुप्ता ने बेटी को जन्म दिया और उसका नाम ‘सिंदूर’ रखा। मदन गुप्ता ने बताया कि जब से सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया और पहलगाम में मारे गए लोगों की मौत का बदला लिया है, तब से उनकी बहू नवजात बच्ची का नाम ‘सिंदूर’ रखना चाहती थी।
बेटी को हिम्मत देगा यह नाम
कुशीनगर जिले के भाठी बाबू गांव के व्यासमुनि की पत्नी ने भी बेटी को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि वह अपनी बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखेंगी ताकि उसमें हिम्मत आए। उनके मुताबिक, जब बेटी बड़ी होगी तो वह इस शब्द का सही मतलब समझेगी और खुद को भारत माता के लिए एक कर्तव्यनिष्ठ नागरिक के रूप में पेश करेगी।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने यह भी बताया कि कुशीनगर जिले के पडरौना क्षेत्र की प्रियंका देवी ने भी अपनी बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखा है। उन्होंने कहा, ‘दंपति ऑपरेशन सिंदूर का बहुत सम्मान करते हैं और उन्होंने कहा है कि इसीलिए वे अपनी बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखेंगे।
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