एनडीए काल में तय हुई नौकरियों पर सीना चौड़ा करने के बजाय, ठगबंधन सरकार की नौकरियों का ब्यौरा दें नीतीश जी : डॉ संजय जायसवाल
पटना: सरकारी नौकरियों के मसले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आज कहा है कि नीतीश जी अब अपने ‘स्वार्थ की सिद्धि’ के लिए ‘झूठ’ और ‘फरेब’ का सहारा भी लेने लगे है।
06:09 AM Sep 22, 2022 IST | Desk Team
पटना: सरकारी नौकरियों के मसले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आज कहा है कि नीतीश जी अब अपने ‘स्वार्थ की सिद्धि’ के लिए ‘झूठ’ और ‘फरेब’ का सहारा भी लेने लगे है। ‘क्रेडिटजीवी’ बनने के फेर में राजस्व विभाग के पहले से नियुक्त 4235 कर्मचारियों को दोबारा नियुक्ति पत्र बांट कर इन्होंने जिस तरह से बिहार की जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम किया है, उससे इनकी बची-खुची ‘साख’ भी अब ‘राख’ हो गयी है।
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नीतीश कुमार से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश जी में यदि ‘अंतरात्मा’ का थोड़ा भी अंश बचा हो वह बताएं कि क्या तत्कालीन राजस्व भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय 2 अगस्त को ही इन कर्मियों को जिला आवंटित नहीं कर चुके थे? वह बताएं कि क्या इसके विवरण कर विभाग की वेबसाइट पर अपलोड नहीं है? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जी ने न केवल जनादेश से विश्वासघात किया है, बल्कि उन लाखों बेरोजगार युवाओं को भी छला है, जिन्हें हम एनडीए राज में ही नौकरियां देना तय कर चुके थे। एनडीए काल में कई महीनों पहले ही 1 लाख 15 हजार शिक्षकों और 1 लाख अन्य विभागीय नौकरियों की बात तय हो चुकी थी।
लेकिन पीएम बनने के फेर में इन्होंने अपनी पॉवर का नाजायज प्रयोग कर तकरीबन ढाई लाख नौकरियों को रोके रखा और अब उन्हीं नौकरियों का झांसा दे, इसे ठगबंधन सरकार की उपलब्धि बताने की ‘कुचेष्टा’ कर रहे हैं। नीतीश जी से गुजारिश है कि एनडीए काल में तय हुई नौकरियों पर सीना चौड़ा करने के बजाए, ठगबंधन सरकार की नौकरियों का ‘वास्तविक ब्यौरा’ जनता को बताने की हिम्मत दिखाएं। डॉ जायसवाल ने कहा कि वास्तव में नीतीश जी अब नीतियों के ‘इश’ नहीं बल्कि कुनीतियों की ‘खान’ बन चुके हैं। अपनी महत्वकांक्षा की आग में इन्होंने न केवल बिहार के युवाओं के भविष्य को झुलसाया है बल्कि अब भतीजे को आगे बढ़ाने की बात कह कर इन्होने जदयू के हजारों कर्मठ कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को भी जमींदोज कर दिया है। (पंजाब केसरी)
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