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भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में बढ़ता कदम, बीमा कंपनियां निभा सकती हैं अहम भूमिका!

03:43 PM Sep 09, 2025 IST | Amit Kumar
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में बढ़ता कदम  बीमा कंपनियां निभा सकती हैं अहम भूमिका
Insurance Ev Adoption
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राकेश जैन, सीईओ, रिलायंस जनरल बीमा

Insurance Ev Adoption: भारत इस समय परिवहन के क्षेत्र में एक बड़े बदलाव की ओर बढ़ रहा है। 2025 में देश में लगभग 19.7 लाख इलेक्ट्रिक वाहन (EV) रजिस्टर हुए, जो पिछले वर्ष से 24% अधिक हैं। दोपहिया और तिपहिया वाहन इस बढ़ोत्तरी के प्रमुख कारण हैं। सरकार ने PM ई-ड्राइव योजना को 2028 तक बढ़ाकर 10,900 रुपए करोड़ का बजट तय किया है। साथ ही, चार्जिंग स्टेशनों की संख्या भी 25,000 से बढ़कर अगस्त 2025 तक 29,277 हो गई है।

Insurance Ev Adoption: बीमा की भूमिका क्यों ज़रूरी है?

EV अपनाने की राह में अब भी कई आशंकाएं हैं। इनमें सबसे बड़ी चिंता है- जोखिम। खासकर EV की बैटरी, जो वाहन की कुल कीमत का लगभग 40% होती है, उसके खराब होने या बदलने की लागत को लेकर लोगों में चिंता है। यहां जनरल बीमा कंपनियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। यदि वे EV के लिए खास पॉलिसी लाएं जो बैटरी की खराबी, पानी घुसने या थर्मल घटनाओं को कवर करें, तो इससे ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा।

Insurance Ev Adoption News: फ्लीट ऑपरेटरों के लिए समाधान

EV का इस्तेमाल करने वाले फ्लीट ऑपरेटर हर 3-5 साल में वाहन बदलते हैं। ऐसे में उन्हें भी बैटरी की गारंटी और विस्तारित वारंटी की ज़रूरत होती है। बीमा कंपनियां इन्हें विशेष योजनाएं देकर सुरक्षा की भावना बढ़ा सकती हैं।

Insurance Ev Adoption
Insurance Ev Adoption

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी चिंताएं

EV के साथ चार्जिंग स्टेशनों की जिम्मेदारी भी सामने आती है। यदि चार्जिंग के दौरान किसी तरह का नुकसान (जैसे वाहन में खराबी, आग लगना, या साइबर अटैक) हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? बीमा कंपनियां चार्जिंग स्टेशन, इंस्टॉलर और सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली दुर्घटनाओं के लिए खास पॉलिसी बनाकर इन जोखिमों को कवर कर सकती हैं।

Insurance Ev Adoption
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पुराने EV के बाजार को भरोसा देना

दूसरा बड़ा मुद्दा है — सेकंड-हैंड EV खरीदने वालों की चिंता। वे बैटरी की हालत को लेकर निश्चित नहीं होते। यदि बीमा में बैटरी की हेल्थ रिपोर्ट और ट्रांसफरेबल वारंटी शामिल हो, तो यूज्ड-EV का बाज़ार भी मज़बूत हो सकता है।

 EV Insurance Market Growth: बीमा कंपनियों के लिए बड़ा अवसर

2024 में भारत में जनरल इंश्योरेंस का कुल प्रीमियम 2.89 लाख रुपए करोड़ रहा, जिसमें से मोटर इंश्योरेंस का हिस्सा 31.7% था। ऐसे में EV सिर्फ एक नया क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह बीमा कंपनियों के लिए लंबी अवधि का अवसर है।

Insurance Ev Adoption
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Innovative Products (अभिनव उत्पाद) और कम प्रीमियम

EV के थर्ड-पार्टी बीमा प्रीमियम पहले ही पेट्रोल/डीजल वाहनों से 15% कम हैं। इसके साथ यदि बीमा कंपनियां टेलीमैटिक्स-आधारित, उपयोग के अनुसार बीमा जैसी योजनाएं लाएं, तो EV अपनाने की लागत और कम हो सकती है।

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Amit Kumar

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