International Yoga Day 2025: गले की समस्या हो या तनाव सभी से छुटकारा पाने के लिए करें 'सिंहासन'
चेहरे की मांसपेशियों को मजबूत करता है सिंहासन
सिंहासन एक प्रभावी योग मुद्रा है जो चेहरे, गले और थायराइड ग्रंथि के लिए लाभकारी है। यह तनाव, आत्मविश्वास और गले की समस्याओं को कम करने में मदद करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसे सही विधि से करना चाहिए और कुछ सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।
सिंहासन एक प्रभावी और सरल आसन है। सेहत के लिए बेहद फायदेमंद यह आसन न केवल चेहरे और गले की मांसपेशियों को मजबूत करता है, बल्कि आत्मविश्वास और तनावमुक्ति में भी मदद करता है। सिंहासन चेहरे, गले और थायराइड ग्रंथि के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। यह गले की मांसपेशियों को सक्रिय करके थायराइड और पैराथायराइड ग्रंथियों के काम को संतुलित करता है, जो हार्मोनल के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह आसन चेहरे की झुर्रियों को कम करने, जबड़े की जकड़न को दूर करने और आवाज को स्पष्ट करने में भी मदद करता है। गायकों, शिक्षकों और वक्ताओं के लिए यह विशेष रूप से उपयोगी है, क्योंकि यह गले की समस्याओं जैसे टॉन्सिलाइटिस और खराश को कम करता है।
छत्तीसगढ़ योग आयोग के ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर किए गए पोस्ट के अनुसार, सिंहासन से शरीर के विभिन्न भागों जैसे चेहरा, आंख, कान, जीभ, गले, छाती और अंगुलियों को लाभ मिलता है। तनाव कम होता है। यह मुद्रा एक एंटी-एजिंग थेरेपी के रूप में कार्य करती है। चेहरे पर रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और झुर्रियों को भी कम करता है।सिंहासन की प्रक्रिया में नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है। यह आत्मविश्वास बढ़ाने और मानसिक स्पष्टता प्रदान करने में भी मदद करता है। इसके अलावा, यह पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
विशेषज्ञ सिंहासन करने की सही विधि बताते हैं, जिसके अनुसार शांत स्थान पर योग मैट बिछाकर वज्रासन या सुखासन की मुद्रा में बैठना चाहिए। इसके बाद घुटनों पर बैठें, हथेलियों को घुटनों के सामने जमीन पर रखकर उंगलियों को पीछे की ओर रखना चाहिए। गहरी सांस लेने के साथ जीभ को पूरी तरह बाहर निकालकर आंखों को ऊपर की ओर करना चाहिए।
यही नहीं, सिंहासन के दौरान चेहरे को सिंह की तरह बनाकर आंखें खुली रखनी चाहिए और गले से गर्जना सी आवाज निकालनी चाहिए। इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराने के साथ प्रत्येक को 10-15 सेकंड तक बनाए रखना चाहिए।विशेषज्ञ बताते हैं कि सिंहासन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है बल्कि मन और आत्मा को भी सशक्त बनाता है। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। इसे करने में कुछ सावधानियां भी रखनी चाहिए। गले या घुटने में दर्द होने पर यह आसन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को भी विशेषज्ञों की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
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