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International Yoga Day 2025: सुकून भरी नींद के लिए रात में करें ये योगासन, पाचन क्रिया भी होगी बेहतर

वज्रासन: पाचन के लिए रात का योगासन

03:38 AM Jun 17, 2025 IST | IANS

वज्रासन: पाचन के लिए रात का योगासन

रात में योगासन करने से न केवल पाचन क्रिया बेहतर होती है, बल्कि अच्छी नींद भी आती है। वज्रासन, सुप्त बद्ध कोणासन, सेतु बंधासन, शवासन और योग निद्रा जैसे आसनों से तनाव और थकान दूर होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, खाने के तुरंत बाद वज्रासन करना फायदेमंद होता है, जबकि अन्य आसन खाने के एक घंटे बाद करना चाहिए।

ताजी हवा और उगते सूरज के बीच योगासन जिंदगी को बेहतर बनाने में मददगार होता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि कुछ योग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें आप रात के समय कर सकते हैं। इस लिस्ट में वज्रासन, सुप्त बद्ध कोणासन, सेतु बंधासन, शवासन और योग निद्रा ये कुछ ऐसे आसन हैं, जिन्हें करने से कई लाभ मिलते हैं।

योग4लाइफ की को-फाउंडर और योग ट्रेनर कविता अरोड़ा इस विषय में विस्तार से जानकारी देती हैं। उन्होंने बताया, “रात में खाने के तुरंत बाद कोई भी ऐसा योगासन नहीं करना चाहिए, जिससे पेट पर दबाव पड़े, क्योंकि इससे पाचन प्रक्रिया बाधित हो सकती है और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, खाने के एक या दो घंटे बाद कुछ हल्के योगासन किए जा सकते हैं, जो थकान, तनाव और मांसपेशियों की जकड़न को दूर करने में मदद करते हैं। इससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और अच्छी नींद भी आती है।“ उन्होंने बताया, “खाने के तुरंत बाद केवल वज्रासन करना चाहिए। अन्य आसनों के लिए कम से कम एक घंटे का अंतराल रखना चाहिए, ताकि पाचन क्रिया प्रभावित न हो। सुप्त बद्धकोणासन, सेतु बंधासन, शवासन और योग निद्रा भी करना चाहिए।“

योग विशेषज्ञों के अनुसार, रात के खाने के बाद 5 से 10 मिनट तक वज्रासन में बैठने से पाचन में सुधार होता है। इस आसन में बैठने से शरीर का रक्त संचार सही होता है और भोजन का पाचन तेजी से होता है। यह आसन जांघों और पैरों में रक्त प्रवाह को ठीक करता है, जिससे पाचन तंत्र को अधिक ऊर्जा मिलती है। ये आसन दिनभर की थकान, मांसपेशियों की जकड़न, तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं, साथ ही अच्छी नींद भी आने में सहायक हैं।

वहीं, सुप्त बद्ध कोणासन को बिस्तर पर लेटकर किया जा सकता है। पैरों को तितली की तरह खोलकर और पकड़कर हल्के-हल्के अंदर-बाहर की ओर गति करें। यह आसन तनाव कम करता है, प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है और पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (पीसीओडी) जैसी समस्याओं में भी लाभकारी है।सेतु बंधासन को गतिशील रूप से करें, जिसमें सांस लेते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए नीचे लाएं। इसे स्थिर न रखें, क्योंकि खाने के बाद पेट पर अधिक दबाव नहीं डालना चाहिए। यह आसन रोग प्रतिरोधक क्षमता, पाचन और थायराइड के लिए फायदेमंद है। विशेषज्ञ 20 राउंड करने की सलाह देते हैं।

शवासन में लेटकर योग निद्रा का अभ्यास करें। यह माइंडफुलनेस को बढ़ाता है, डिप्रेशन को कम करता है और एकाग्रता में सुधार करता है। 10 से 15 मिनट की योग निद्रा तनाव और चिंता को दूर करने में प्रभावी है।योग निद्रा के बाद कुछ हल्के प्राणायाम जैसे भ्रामरी, अनुलोम-विलोम या ओम का उच्चारण किया जा सकता है। ये अभ्यास तनाव को कम करते हैं और अच्छी नींद लाने में मदद करते हैं।विशेषज्ञों का कहना है कि रात के खाने के बाद सही योगासन और प्राणायाम न केवल पाचन को बेहतर बनाते हैं, बल्कि दिनभर की थकान, मांसपेशियों की जकड़न और मानसिक तनाव को भी कम करते हैं। यह समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और सुबह तरोताजा महसूस करने में मदद करता है।

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