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भारत के रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए 62,000 करोड़ रुपये निवेश के खुले अवसर : रिपोर्ट

रियल एस्टेट में 62,000 करोड़ निवेश की संभावना: जेएलएल रिपोर्ट

11:48 AM Mar 12, 2025 IST | Syndication

रियल एस्टेट में 62,000 करोड़ निवेश की संभावना: जेएलएल रिपोर्ट

भारत के रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए 62 000 करोड़ रुपये निवेश के खुले अवसर   रिपोर्ट

भारत के रियल एस्टेट डेवलपर्स ने 2024 में 23 प्रमुख शहरों में 39,742 करोड़ रुपये मूल्य की 2,335 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है। जेएलएल की रिपोर्ट के अनुसार, इस अधिग्रहण ने 194 मिलियन स्क्वायर फीट के रियल एस्टेट डेवलपमेंट के रास्ते खोल दिए हैं, जिसमें 62,000 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी।

भारत में रियल एस्टेट डेवलपर्स ने 2024 के दौरान 23 प्रमुख शहरों में 39,742 करोड़ रुपये मूल्य की 2,335 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है। यह जानकारी बुधवार को जारी जेएलएल की रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि इस अधिग्रहण ने 194 मिलियन स्क्वायर फीट के रियल एस्टेट डेवलपमेंट के रास्ते खोल दिए हैं। इसमें करीब 62,000 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी।

रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 में भी टियर 1 शहरों का प्रभुत्व बना हुआ है। कुल जमीन खरीद में इन शहरों की हिस्सेदारी 72 प्रतिशत थी। हालांकि, टियर 2 और टियर 3 शहर एक महत्वपूर्ण 28 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने में कामयाब रहे हैं जो 662 एकड़ जमीन के बराबर होता है।

रिपोर्ट में बताया गया कि नागपुर, वाराणसी, इंदौर, वृंदावन और लुधियाना जैसे शहर भूमि अधिग्रहण के प्रमुख केंद्र बनकर उभरे हैं। जेएलएल विश्लेषण से पता चलता है कि प्रति एकड़ भूमि की लागत पिछले तीन वर्षों में लगातार बढ़ी है, जो 2022 में लगभग 11 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 17 करोड़ रुपये हो गई है।

कोविड-19 के बाद 2024 कार्यालय और आवासीय परिसंपत्ति वर्ग में रियल एस्टेट के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला वर्ष साबित हुआ है। रिपोर्ट्स में कहा गया कि रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी जारी है। डेवलपर्स भविष्य के प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन खरीदने में निवेश कर रहे हैं।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) 2024 के लिए भूमि अधिग्रहण में अग्रणी बनकर उभरा है, जहां डेवलपर्स ने 19 अलग-अलग सौदों के माध्यम से लगभग 407 एकड़ जमीन हासिल की है, जो वर्ष के कुल भूमि लेनदेन का 17 प्रतिशत है।

वहीं, एनसीआर में गुरुग्राम में सबसे अधिक 21 सौदे हुए, इसके बाद नोएडा में 14 और गाजियाबाद में एक सौदा हुआ। रिपोर्ट में बताया गया कि इस व्यापक भूमि अधिग्रहण के लिए निर्माण की वर्तमान लागत के आधार पर विकास के लिए 62,328 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की आवश्यकता होगी।

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