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IPL 2018 : चेन्नई में धोनी की वापसी, गंभीर हुए केकेआर से बाहर

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08:43 PM Jan 04, 2018 IST | Desk Team

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इंडियन प्रीमियर लीग 2018 के लिए फ्रेंचाइजी किन खिलाड़‍ियों को टीम में रिटेन करेंगी, इसका ऐलान हो गया है। मुंबई में हुए एक कार्यक्रम में गुरुवार को विभिन्न टीमों के प्रबंधकों ने रिटेन किए गए खिलाड़ियों के नाम का खुलासा किया। दो साल बाद आईपीएल में लौट रही चेन्नई सुपर किंग्स ने महेंद्र सिंह धोनी, रवींद्र जडेजा और सुरेश रैना को रिटेन किया है। वहीं, मुंबई इंडियंस ने रोहित शर्मा, हार्दिक पंड्या और जसप्रीत बुमरा को रिटेन करने का फैसला किया है। उधर, दिल्ली डेयरडेविल्स ने ऐलान कर दिया है कि वह ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर और क्रिस मोरिस को रिटेन करेगी। कोलकाता नाइट राइडर्स ने अपने पूर्व कप्तान गौतम गंभीर को रिलीज कर दिया है। इसका मतलब यह है कि वह अब केकेआर के सदस्य नहीं होंगे। अब महीने के आखिर में खिलाड़ियों की होने वाली नीलामी में गौतम गंभीर भी उपलब्ध होंगे।

पिछले महीने IPL की गवर्निंग काउंसिल (GC) की मीटिंग के बाद BCCI के एक्टिंग सेक्रेटरी अमिताभ चौधरी ने कहा था, ”हर आईपीएल फ्रेंचाइजी के पास 5 प्लेयर्स को प्री प्लेयर ऑक्शन में दोबारा खरीदने (रिटेनिंग) और राइट टू मैच का ऑप्शन होता है। 2015 में CSK और राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलने वाले प्लेयर्स, जो 2017 में गुजरात लॉयन्स और राइजिंग पुणे सुपरजॉएंट्स की तरफ से खेले थे, उन्हें रिटेन करने का मौका CSK और RR के पास रहेगा।”

IPL में स्पॉट फिक्सिंग 2013 में सामने आई थी। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में बताया गया था कि प्लेयर्स हर ओवर में 14 से ज्यादा रन देने के लिए रुमाल, स्ट्रेचिंग, ब्रेसलेट, लॉकेट या घड़ी के जरिए इशारा करते थे। जांच में श्रीसंथ, अजित चंदीला, अंकित चह्वाण समेत 36 लोगों को दोषी बताया गया था। लेकिन, 2015 में कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया।

जुलाई 2015 IPL फिक्सिंग की जांच के लिए बनी जस्टिस लोढ़ा कमेटी ने चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स की फ्रेंचाइजी को दो साल के लिए बैन कर दिया। CSK के CEO गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के ओनर राज कुंद्रा के क्रिकेट से जुड़ी किसी भी एक्टिविटी में ताउम्र हिस्सा लेने पर रोक लगा दी। 2018 में इस बैन की मियाद खत्म हो गई है।

आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल ने कहा था कि कोई भी फ्रेंचाइजी प्री-प्लेयर ऑक्शन रिटेंशन (जिसकी लिस्ट 4 जनवरी तक देनी थी) और ऑक्शन के दौरान राइट टू मैच के जरिए कुल मिलाकर पांच से ज्यादा प्लेयर को रिटेन नहीं कर सकती।
इसे ऐसे समझें कि अगर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने तीन प्लेयर्स कोहली, डिविलियर्स और सरफराज खान को प्री-प्लेयर ऑक्शन में रिटेन किया है तो यह टीम अब ऑक्शन के दौरान राइट टू मैच के जरिए दो और प्लेयर्स को रिटेन कर पाएगी।
अगर किसी टीम ने एक भी प्लेयर को रिटेन नहीं किया है, तब भी वह ऑक्शन के दौरान राइट टू मैच के जरिए ज्यादा से ज्यादा 3 प्लेयर्स को ही रिटेन कर पाएगी।

प्लेयर रिटेंशन प्राइस गाइडलाइन के मुताबिक 3 प्लेयर्स को प्री-ऑक्शन में रिटेन करने पर सैलरी कैप 33 करोड़ रुपए रखा गया था। अगर दो प्लेयर्स रिटेन किए जाते तो 21 करोड़ और एक प्लेयर पर 12.5 करोड़ रुपए सैलरी कैप रहता।
हर स्क्वैड में मैक्जिमम 25 प्लेयर्स रह सकते हैं। इनमें 8 विदेशी खिलाड़ी रख सकते हैं। मिनिमम 18 प्लेयर्स रखे जा सकते हैं।

आईपीएल ऑक्शन के दौरान अगर किसी प्लेयर पर उदाहरण के लिए 5 करोड़ की बाेली लगती है तो फ्रेंचाइजियों के पास राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल कर उस प्लेयर को 5 करोड़ में अपनी टीम में ले सकेगी। ऐसा तभी हो सकेगा, जब वह प्लेयर उसी टीम में रहा हो।
इसे ऐसे समझें कि अगर ऑक्शन के दौरान क्रिस गेल के लिए 5 करोड़ की बोली लगती है तो रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के पास यह मौका रहेगा कि वह राइट टू मैच कार्ड दिखाकर 5 करोड़ में गेल को अपने ही टीम में दोबारा शामिल कर ले।

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें सीजन के लिए 27 और 28 जनवरी को बेंगलुरू में खिलाड़ियों का ऑक्शन होना है।

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