Iran ICBM Missile 2025: इजराइल की उड़ेगी नींद! ईरान ने तैयार कर ली सबसे दूर तक अटैक करने वाली घातक मिसाइल
Iran ICBM Missile 2025: ईरान की संसद के एक सदस्य ने हाल ही में एक वायरल वीडियो को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि इसमें जो मिसाइल लॉन्च दिखाई दे रहा है, वह कोई आम मिसाइल नहीं बल्कि ICBM (इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल) है, जिसकी रेंज 10,000 किलोमीटर से ज्यादा है। इस मिसाइल का निर्माण ईरान के स्पेस प्रोग्राम के तहत किया गया है। लेकिन इस दावे को लेकर कई विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां सवाल उठा रही हैं।
Iran ICBM Missile 2025: ICBM क्या होती है?
ICBM यानी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल एक लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल होती है, जिसकी न्यूनतम रेंज 5500 किलोमीटर होती है। ये मिसाइलें परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होती हैं और हवा में ऊंचाई तक उड़कर टारगेट पर गिरती हैं। ऐसी मिसाइलें आमतौर पर अमेरिका, रूस, चीन जैसे देशों के पास होती हैं।
Iran ICBM News Today: ईरान का क्या दावा है?
ईरानी सांसद ने कहा कि यह मिसाइल उनके देश की अब तक की सबसे एडवांस तकनीक से बनी है और इसका लॉन्च हाल ही में किया गया। उनका कहना है कि इसे SLV (Satellite Launch Vehicle) टेक्नोलॉजी से तैयार किया गया है, जो स्पेस प्रोग्राम का हिस्सा है। SLV टेक्नोलॉजी को आसानी से ICBM में बदला जा सकता है। वायरल वीडियो में आसमान में धुएं की लकीरें दिख रही हैं, जिसे लॉन्च का सबूत बताया जा रहा है।
Iran New Missile Range 10,000: क्या यह दावा भरोसेमंद है?
हालांकि, अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) ने 2025 की रिपोर्ट में कहा है कि ईरान ICBM विकसित करने में अब भी कम से कम 2035 तक का समय ले सकता है—अगर अभी से इस दिशा में काम शुरू किया जाए। अभी तक ईरान के पास केवल मीडियम रेंज मिसाइलें (MRBM) हैं, जैसे:
- खोर्रमशहर-4 (2000 किमी रेंज)
- फतह-2 (दूसरी MRBM)
इसका मतलब है कि ईरान का ICBM बनाने का दावा अभी केवल एक अनुमान हो सकता है।
मिसाइल प्रोग्राम और खतरे की जद में कौन?
अगर ईरान का दावा सही निकला, तो उसकी मिसाइलें अमेरिका, यूरोप, और एशिया तक पहुंच सकती हैं:
- मिडिल ईस्ट: इजरायल, सऊदी अरब, UAE
- यूरोप: फ्रांस, जर्मनी, UK
- अमेरिका: न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन जैसे शहर
- एशिया: भारत, पाकिस्तान (हालांकि भारत अभी खतरे से बाहर है)
विशेषज्ञों की राय और चिंता
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान अपने स्पेस प्रोग्राम (जैसे सिमोर्ग) की आड़ में ICBM टेक्नोलॉजी को टेस्ट कर रहा है। ऐसा करना UN के प्रतिबंधों का उल्लंघन माना जाएगा। अमेरिका और इजरायल पहले ही इस पर नाराजगी जता चुके हैं और सख्त कदम उठा सकते हैं।
क्या खतरा वाकई बढ़ा?
ईरान का ICBM दावा फिलहाल ज्यादा राजनीतिक और रणनीतिक बयान लगता है। तकनीकी और जमीनी सबूत अभी कम हैं। अगर भविष्य में यह सच हुआ, तो पूरी दुनिया—खासकर अमेरिका, यूरोप और इजरायल के लिए एक नई चुनौती खड़ी हो सकती है। भारत पर सीधा खतरा नहीं, लेकिन क्षेत्रीय तनाव जरूर बढ़ सकता है।