For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका की एंट्री, ट्रंप ने दी ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण की चेतावनी

ईरान को ट्रंप की धमकी: “अब और बर्दाश्त नहीं”

12:12 PM Jun 18, 2025 IST | Mahesh Joshi

ईरान को ट्रंप की धमकी: “अब और बर्दाश्त नहीं”

ईरान इजरायल युद्ध में अमेरिका की एंट्री  ट्रंप ने दी ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण की चेतावनी

तेहरान: इजरायल और ईरान के बीच चल रही जंग अब और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। अब अमेरिका भी इस संघर्ष में खुलकर उतर आया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को सीधी चेतावनी दी है और ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ (Unconditional Surrender) की मांग की है।

ट्रंप की धमकी: “अब और बर्दाश्त नहीं”

Truth Social पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने लिखा, “हमें पता है खामेनेई कहां छिपे हैं। वो आसान निशाना हैं, लेकिन हम अभी उन्हें मारेंगे नहीं। हमारी सहनशक्ति खत्म हो रही है। अगर ईरान ने हमारे नागरिकों या सैनिकों पर हमला किया तो जवाब बहुत सख्त होगा। अब वक्त है आत्मसमर्पण करने का — और वो भी बिना शर्त।” ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका ने ईरानी हवाई क्षेत्र पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया है। F-16, F-22 और F-35 जैसे आधुनिक फाइटर जेट्स की तैनाती से अमेरिका ने ईरानी आसमान में “निरंकुश ताकत” बना ली है।

‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ का मतलब क्या है?

बिना शर्त आत्मसमर्पण यानी Unconditional Surrender वह स्थिति होती है जिसमें हारने वाले देश को कोई भी शर्त रखने का अधिकार नहीं होता। उसे जीतने वाले देश की सभी शर्तें माननी पड़ती हैं — चाहे वो सेना भंग करना हो, सरकार बदलनी हो या नेता की गिरफ्तारी तक। दूसरे विश्व युद्ध में अमेरिका ने यही नीति अपनाई थी। जापान ने परमाणु हमलों के बाद बिना शर्त आत्मसमर्पण किया था। बाद में यही रवैया इराक के सद्दाम हुसैन और लीबिया के गद्दाफी के खिलाफ भी अपनाया गया था।

क्या खामेनेई का अंजाम भी वैसा ही होगा?

इतिहास बताता है कि जो नेता अमेरिका की मांग नहीं मानते, उनका अंजाम अच्छा नहीं होता।

– सद्दाम हुसैन ने 2003 में आत्मसमर्पण नहीं किया, नतीजा – पकड़े गए और फांसी दी गई।

– गद्दाफी ने 2011 में झुकने से इनकार किया, उन्हें भीड़ ने घसीटकर मार डाला।

– अब ट्रंप का इशारा साफ है — या तो खामेनेई झुकें, या फिर अंजाम भुगतें।

अब तक क्या हुआ?

– 13 जून को इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया, जिसमें कई वैज्ञानिक और IRGC (ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड) के अधिकारी मारे गए।

– जवाबी कार्रवाई में ईरान ने भी मिसाइलें दागीं।

– अब तक ईरान में 224 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है और 1,257 लोग घायल हैं।

– इजरायल में 24 मौतें दर्ज की गई हैं।

ईरान ने आरोप लगाया है कि इजरायल का हमला अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है। और उसने भी जवाब देने का अधिकार सुरक्षित बताया है।

क्या झुकेगा ईरान?

फिलहाल ईरान ने किसी तरह की घबराहट नहीं दिखाई है। तेहरान में हालात सामान्य बताए जा रहे हैं। दफ्तर, स्कूल और मॉल खुले हैं। ईरान का कहना है कि उसे अपनी वायु सुरक्षा प्रणाली पर भरोसा है। लेकिन इस समय ईरान पर दबाव बहुत ज्यादा है- एक ओर इजरायल के हमले, दूसरी ओर अमेरिका की सख्त चेतावनी और ऊपर से उसका अपना परमाणु कार्यक्रम। ऐसे में ईरान को हर कदम बहुत सोच-समझकर उठाना होगा।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Mahesh Joshi

View all posts

Advertisement
×