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Nobel Prize: 13 बार जेल में बंद हुई ईरानियन नरगिस मोहम्मदी को मिला 2023 का शांति पुरस्कार

08:24 PM Oct 06, 2023 IST | Gulshan Kumar Jha

ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को अपने देश में महिलाओं के लिए आवाज उठाने के लिए साल 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला है। नरगिस मोहम्मदी को अपने देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के खिलाफ बोलने और नरगिस मोहम्मदी को अपने देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के खिलाफ बोलने के लिए एक लंबा अभियान चलाया। आपको जानकर इनपर गर्व होगा कि नरगिस मोहम्मदी को ईरानी सरकार ने 13 बार हिरासत में लिया, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने जज्बे को कम नहीं होने दिया। नोबेल पुरस्कार समिति के अनुसार अन्य चीजों के अलावा नरगिस मोहम्मदी को अपने संघर्ष के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी।

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नरगिस ने अपने जीवन के 31 साल जेल में बिताए है। उनको 154 कोड़ों की सजा तक भी सुनाई गई है। अभी भी नरगिस मोहम्मदी जेल में है, जब उनको ये पुरस्कार मिला है। फ्रंट लाइन डिफेंडर्स अधिकार समूह का दावा है कि ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को तेहरान की एविन जेल में कैद किया गया है। नरगिस मोहम्मदी पर ईरानी सरकार के बारे में गलत जानकारी फैलाने का आरोप है।

1990 के दशक में, जब नरगिस मोहम्मदी भौतिकी यानी कि फिजीक्स की छात्रा थीं, तब उन्होंने समानता और महिलाओं के अधिकारों की वकालत करना शुरू कर दिया था। नोबेल समिति के अनुसार नरगिस मोहम्मदी ने लगातार उत्पीड़न और भेदभाव का विरोध किया है। नरगिस ने सम्मान से जीवन जिया है। जीवन को सुरक्षित रखने की लड़ाई की वकालत की। इस समस्या के परिणामस्वरूप, ईरान में लोगों को अक्सर उत्पीड़न, कारावास, यातना और यहां तक ​​कि मौत से भी जूझना पड़ता है।

नोबेल प्राइज के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट में लिखा है कि ओस्लो में पुरस्कार की घोषणा करने वाले नॉर्वेजियन नोबेल समिति के अध्यक्ष बेरिट रीस-एंडरसन ने कहा, “वह महिलाओं के लिए व्यवस्थागत भेदभाव और उत्पीड़न के खिलाफ लड़ती हैं”। नरगिस मोहम्मदी पर उन कानूनों को चुनौती देती हैं जो महिलाओं की स्वतंत्रता और अधिकारों को प्रतिबंधित करते हैं। महिलाओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के अधिकार का मुद्दा उनके द्वारा बार-बार और जोरदार ढंग से उठाया गया है।

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