क्या ईरान से डर गया Azerbaijan? जंग खत्म होते ही डैमेज कंट्रोल के लिए बढ़ाया हाथ
Azerbaijan: ईरान और इजराइल के बीच 12 दिनों तक चली जंग रुक चुकी है. इस जंग को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर की मदद से रुकवाया. इस बीच जंग के खत्म होने के बाद, अजरबैजान ने अपने पड़ोसी देश ईरान के साथ संबंधों को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. शुक्रवार को अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने ईरान के समकक्ष पेजेशकियन से बातचीत की.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बातचीत में अलीयेव ने ईरान से कहा कि अजरबैजान ने इजराइल के खिलाफ युद्ध में कोई भूमिका नहीं निभाई, और उनके ऊपर लगाए गए आरोप को गलत ठहराया. उन्होंने कहा कि अजरबैजान पर इजराइल की मदद करने का जो आरोप लगाया जा रहा है, वह पूरी तरह से झूठा है.
आखिर क्या लगाए गए आरोप?
ईरान न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जंग के दौरान अजरबैजान पर इजराइली ड्रोन को अपने एयरस्पेस में प्रवेश करने की अनुमति देने का आरोप है. इस संबंध में अजरबैजान ने ईरान से निष्पक्ष जांच की मांग की है. अजरबैजान का कहना है कि इस मामले में मीडिया रिपोर्ट्स गलत हैं, और वे मामले की पूरी जांच कराएंगे.
इजराइल से संबंधों को लेकर लगे आरोप
जब इजराइल ने ईरान पर हमला किया, तो 21 मुस्लिम देशों ने इस हमले के खिलाफ संयुक्त बयान जारी किया. इन देशों में पाकिस्तान, तुर्किए, कतर जैसे प्रमुख मुस्लिम राष्ट्र शामिल थे, लेकिन अजरबैजान ने इस पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए. इस पर ईरान ने अजरबैजान को आलोचना का निशाना बनाया.
इसके अलावा, यह भी आरोप लगाए गए थे कि इजराइली ड्रोन ने ईरान में हमले करने के लिए अजरबैजान के एयरस्पेस का उपयोग किया. इसके साथ ही, अजरबैजान पर यह भी आरोप लगा कि वह इजराइल को तेल बेच रहा था. इन सब विवादों के बीच, अजरबैजान ने इस पर चुप्पी साधे रखी और पूरी जंग में कोई टिप्पणी नहीं की.
क्यों पड़ी डैमेज कंट्रोल की आवश्यकता?
अजरबैजान और ईरान की सीमाएं आपस में जुड़ी हुई हैं, और दोनों देशों के बीच रिश्ते अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं. हाल ही में, तुर्किए और अजरबैजान के बीच एक कॉरिडोर के निर्माण पर ईरान ने आपत्ति जताई और उसे रोक दिया. इसके अतिरिक्त, अजरबैजान को यह डर भी सता रहा है कि ईरान अपने प्रॉक्सी ताकतों के माध्यम से अजरबैजान में गतिविधियां बढ़ा सकता है. 2012-2016 के दौरान, ईरान के प्रॉक्सी समूह हिजबुल्लाह ने अजरबैजान में आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था, जिससे अजरबैजान अब भी इन संभावनाओं से चिंतित है.
इसी कारण अजरबैजान ने अब ईरान के साथ डैमेज कंट्रोल की प्रक्रिया शुरू की है, ताकि भविष्य में दोनों देशों के रिश्ते बेहतर हो सकें और आपसी तनाव को कम किया जा सके. अलीयेव ने इस दौरान मुस्लिम भाईचारे का भी उल्लेख किया और कहा कि यहूदी शासन को सबक सिखाना जरूरी था. उन्होंने ईरान में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की और शांति स्थापित करने की प्रक्रिया का स्वागत किया.
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