Top NewsIndiaWorld
Other States | Uttar PradeshRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

सेफ है बच्चों की वैक्सीन

भारत में कठिन परिस्थितियों में भी देशवासियों ने जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर का सामना किया है वे आज भी तीसरी लहर का सामना करने को तैयार हैं

01:35 AM Jan 03, 2022 IST | Aditya Chopra

भारत में कठिन परिस्थितियों में भी देशवासियों ने जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर का सामना किया है वे आज भी तीसरी लहर का सामना करने को तैयार हैं

‘‘हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम,
Advertisement
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम।’’
भारत में कठिन परिस्थितियों में भी देशवासियों ने जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर का सामना किया है वे आज भी तीसरी लहर का सामना करने को तैयार हैं। देशवासियों और कोरोना वारियर्स के लगातार संघर्ष ने हताशा के बीच भी जीवन को आनंदित बनाने का साहस प्रदान किया है। यद्यपि अपनों के असमय काल का ग्रास बनने के चलते देशवासियों को जीवनभर के लिए  गहरे जख्म दिए हैं लेकिन जीवन कभी नहीं ठहरता। जीवन ही ठहर गया तो हम अंधकार में डूब जाएंगे। जीवन चलने का नाम, चलते रहो सुबह और शाम। तभी लम्बे रास्ते कटेंगे। इस समय पूरी दुनिया कोरोना के अदृश्य नए वैरियंट ओमीक्राेन से जूझ रही है। भारत में भी कोरोना के नए केस बढ़ रहे हैं लेकिन भारतीयों के चेहरे पर कोई खौफ नजर नहीं आ रहा। इसका श्रेय देश में सफलतापूर्वक चल रहे टीकाकरण अभियान को जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं ​कि भारत दुनिया में सबसे तेज कोरोना टीकाकरण करने वाला देश है। 30 दिसम्बर तक भारत की 64 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं और लगभग 90 फीसदी को कोरोना वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है। सम्पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त करने में अभी भी लम्बा समय लगेगा। 
इसी बीच नववर्ष 2022 की अच्छी खबर है कि आज से 15 से 18 साल के बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाना शुरू हो गया है। राहत की बात यह भी है कि  कोवि​ड एप पर पहले दिन 3 लाख 15 हजार बच्चों ने वैक्सीनेशन के लिए एलाट बुकिंग की है। दूसरे दिन भी आंकड़ा ठीक-ठाक है। देश में इस एज ग्रुप के करीब दस करोड़ बच्चों को वैक्सीन दी जानी है। बच्चों को केवल भारत बायोटेक की कोवैक्सीन ही लगाई जाएगी। बच्चों का दसवीं कक्षा का आईडी कार्ड रजिस्ट्रेशन के लिए पहचान का प्रमाण माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल ​बिहारी वाजपेयी के जन्म​दिन  पर बच्चों को वैक्सीन देने की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों और कोरोना वारियर्स को बूस्टर डोज देने की घोषणा की थी।
ओमीक्राेन की तीव्र संक्रमण दर और बच्चों के भी इसकी चपेट में आने की खबरों ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी थी। स्कूल-कालेज बंद करने और कड़ी पाबंदियों के लौटने से हर कोई चिंतित है। अभिभावक तो पहले ही बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं होने तक उन्हें स्कूल भेजने को तैयार नहीं थे। अब बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू होने से अभिभावकों को ​चिंता कम होगी, वहीं दूसरी ओर देश की शिक्षण संस्थाओं में स्थिति सामान्य बनाने में भी मदद मिलेगी। 
बच्चों के टीकाकरण से देशवासियों को नया सबल मिलेगा। अभिभावकों को चाहिए कि वे किसी भ्रम में न रहें और बेवजह भयभीत न हों। अभिभावकों को जिम्मेदार व्यवहार दिखाते हुए बच्चों का टीकाकरण कराना चाहिए। इस संबंध में उन्हें कोई लापरवाही नहीं बतरनी चाहिए। भारत बायोटेक ने 2 से 18 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन के फेज-2 और  फेज-3 के ट्रायल के रिजल्ट जारी कर दिए हैं। ट्रायल में टीका बच्चों के​ लिए सेफ, सहने योग्य और इम्युनीजेनिक पाया गया है। ट्रायल में 374 बच्चों में बहुत ही हल्के या कम गम्भीर लक्षण दिखे जिसमें से 78.6 फीसदी एक दिन में ही ठीक हो गए। स्टडी में पाया गया कि बच्चों पर टीके के कोई गम्भीर साइट इफैक्ट नहीं हैं। यह भी पाया गया है कि बच्चों में व्यस्क की तुलना में औसतन 1.7 गुना ज्यादा एंटीबाडीज बनी है। 525 बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल किया गया था, जिन्हें 0.5 एमएल की दो डोज दी गई, जो व्यस्कों में दी गई डोज के बराबर थी।
अब भारत बायोटेक और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी कूल ऑफ मेडिसन मिलकर नेजल वैक्सीन बना रहे हैं। नेजल वैक्सीन सिंगल डोज होगी जिसे नाक के जरिये दिया जाएगा। यह वैक्सीन भी इसी साल आ जाएगी। वैक्सीनेशन के बाद लोग खुद को मानसिक और शारीरिक स्तर पर बहुत अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं। इसी तरह बच्चे भी वैक्सीनेशन के बाद सुरक्षित और स्वतंत्र महसूस करेंगे। अभिभावक भी खुद को बच्चों के जीवन के प्रति किसी जोखिम की चिंता से मुक्त हो जाएंगे। कोरोना आपातकाल में जीवन काे सुरक्षित और सहज बनाने के लिए टीका लगवाना जरूरी है। इसलिए जो लोग टीका लगवाने से झिझक रहे हैं, उन्हें भी टीका लगवाना चाहिए। अभिभावक भी बिना  किसी खौफ के अपने बच्चों को वैक्सीनेशन केन्द्रों तक ले जाएं तभी संक्रमण का खतरा कम होगा। सामाजिक तौर पर भी हमें जिम्मेदार व्यवहार अपनाना चाहिए और संक्रमण के बचाव के परम्परागत उपायों का पालन करना चाहिए, बल्कि बच्चों  को भी पालन करना सिखाना होगा। हमें तीसरी लहर का मुकाबला सामूहिक इच्छाशक्ति से करना होगा। अगर हम ऐसा कर गए तो कोरोना वायरस पराजित हो जाएगा। इसलिए हिम्मत से काम लेना होगा।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com
Advertisement
Next Article