
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यहां भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय पर शुक्रवार को आयोजित जश्न में मौजूद नहीं थे। उद्धव ठाकरे नीत एमवीए सरकार के गिरने के बाद महाराष्ट्र में सत्ता में वापस आने का जश्न मनाने के उद्देश्य से दक्षिण मुंबई में स्थित पार्टी कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें फडणवीस मौजूद नहीं थे।
फडणवीस ने सरकार में शामिल नही होने की घोषणा
उन्होंने बृहस्पतिवार को घोषणा की थी कि वह एकनाथ शिंदे नीत सरकार का हिस्सा नहीं होंगे, परंतु बाद में उन्होंने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। फडणवीस के एक करीबी ने बताया कि वह तीन जुलाई को आयोजित होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र से पहले अपने आवास पर बैठक करने में व्यस्त थे।
हैदराबाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी नही होगें शामिल
यह पूछे जाने पर कि क्या फडणवीस शुक्रवार से हैदराबाद में होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होंगे, भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा, “उन्होंने हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व से बात की है और उन्हें यहां की स्थिति से अवगत कराया है। वह हैदराबाद की बैठक में शामिल नहीं होंगे क्योंकि विधानसभा के सत्र में भी उपस्थित होना है।” सूत्रों ने कहा कि फडणवीस यहां एक होटल में शुक्रवार शाम को भाजपा विधायकों की एक बैठक को संबोधित करेंगे।
आपको बता दे कि देवेंद्र फडणवीस को ही महाराष्ट्र के सीएम के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन अचानक राजनीतिक समीकरणों को देखते भाजपा के केंद्रिय नेतृत्व ने शिवसेना के बागी विधायक नेता एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने का ऑफर पेश कर दिया। जिसके बाद महाराष्ट्र के सियासी दंगल की पूरी स्क्रिप्ट ही बदल गई। अब महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सीएम व देंवेद्र फड़णवीस डिप्टी सीएम होगें जो महाराष्ट्र के सियासी गुणा भाग में फिट बैठ रहे हैं। यह जोड़ आने वाले दिनों में महाराष्ट्र राजनीति के गोल को तोड़ सकती हैं। शिंदे मराठा समुदाय से आते हैं जंहा शरद पवार का सिक्का चलता हैं इसको तोड़ने के लिए भाजपा ने एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया हैं , ताकि मराठा समुदाय भाजपा की ओर खिचकर चला आए, क्योंकि मराठा समुदाय अपने बल पर ही महाराष्ट्र के सियासी खेल को बिगाड़ व बना सकता हैं ।