'पत्रकारों की हत्या बेहद चौंकाने वाली', गाजा में इजरायली हमले पर बोला भारत
Israel attacks Gaza: गाजा पट्टी के खान यूनिस स्थित नासिर अस्पताल पर सोमवार, 25 अगस्त को इजरायली सेना ने हवाई हमला किया। इस हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और पूरी दुनिया ने इसे देखा। हमले में 22 लोगों की मौत हुई, जिनमें 5 पत्रकार भी शामिल थे। यह घटना मीडिया और मानवाधिकार संगठनों के लिए गहरी चिंता का विषय बन गई है।
Israel attacks Gaza: भारत की प्रतिक्रिया
हमले के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया। प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, "पत्रकारों की हत्या चौंकाने वाली और बेहद दुखद है। भारत हमेशा से संघर्ष में निर्दोष नागरिकों की मौत की निंदा करता आया है।" उन्होंने बताया कि इजरायल ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है, और भारत इस पर नजर रखे हुए है।

Our response to media queries regarding loss of lives of journalists in Khan Younis, Gaza
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— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) August 27, 2025
Israel News: कैसे हुआ हमला?
एपी (AP) की रिपोर्ट के मुताबिक, नासिर अस्पताल पर दो अलग-अलग हमले हुए। पहला हमला होते ही पत्रकार और बचावकर्मी घटनास्थल की ओर भागे। लेकिन जब वे वहां पहुंचे, तभी अस्पताल की बाहरी सीढ़ियों पर एक और बड़ा धमाका हुआ। यही वह जगह थी जहां पत्रकार अक्सर खड़े होकर रिपोर्टिंग करते थे। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के रिकॉर्ड विभाग के प्रमुख जहीर अल-वहीदी ने बताया कि इस हमले में कुल 20 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।

India On Israeli Attack In Gaza: इजरायली प्रधानमंत्री का बयान
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घटना पर दुख जताया। उनके कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया, "गाजा के नासिर अस्पताल में हुई मौतों पर हमें गहरा अफसोस है। इजरायल पत्रकारों, चिकित्सा कर्मियों और नागरिकों के काम की सराहना करता है। हमारी लड़ाई हमास जैसे आतंकवादी संगठनों से है, नागरिकों से नहीं।" उन्होंने आगे कहा कि इजरायली सेना इस घटना की गहन जांच कर रही है और यह एक "दुर्घटना" थी, जिसका इरादा पत्रकारों को नुकसान पहुंचाना नहीं था।

इजरायली मीडिया की रिपोर्ट
इजरायली मीडिया का दावा है कि सेना ने अस्पताल की छत पर लगे हमास के सर्विलांस कैमरे को निशाना बनाकर हमला किया। दो मिसाइलें दागी गईं, जो सीधे उस स्थान पर गिरीं जहां पत्रकार मौजूद थे। इजरायली सेना ने कहा कि वे कभी जानबूझकर पत्रकारों को निशाना नहीं बनाते और इस हादसे में मारे गए निर्दोष लोगों पर उन्हें खेद है।
पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक युद्ध
मीडिया संगठन "कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स" (CPJ) के अनुसार, इजरायल-हमास युद्ध पत्रकारों के लिए सबसे घातक संघर्षों में से एक बन गया है। अब तक गाजा में 189 से अधिक पत्रकार मारे जा चुके हैं। तुलना करें तो रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक 18 पत्रकारों की जान गई है। यह आंकड़ा बताता है कि गाजा में पत्रकारों की स्थिति कितनी गंभीर है।
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