Syria के होंगे चार टुकड़े! israel के इस नए प्लान से मिडिल ईस्ट में बढ़ी हलचल
मिडिल ईस्ट एक बार फिर से गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। पहले israel और ईरान के बीच करीब 12 दिनों तक संघर्ष चला, और अब इजराइल की एक नई योजना 'डेविड कॉरिडोर' को लेकर क्षेत्र में खलबली मच गई है। यह योजना सीधे तौर पर Syria की भौगोलिक एकता पर असर डाल सकती है, जिससे तुर्की, ईरान और कई अन्य देशों की चिंता बढ़ गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डेविड कॉरिडोर एक ऐसा रणनीतिक मार्ग है जो israel को Syria के दक्षिणी हिस्से, जहां ड्रूज़ समुदाय की प्रमुख आबादी है, से जोड़ता है और वहां से होते हुए उत्तर-पूर्वी सीरिया के कुर्द इलाकों तक जाता है। इस बेल्ट के ज़रिए इजराइल सीरिया के भीतर स्थायी प्रभाव स्थापित करना चाहता है। जानकार इसे 'ग्रेटर इजराइल' की सोच से जोड़ते हैं, जिसका मतलब है, इजराइल की सीमाएं नील नदी से यूफ्रेट्स नदी तक फैलाना।
क्या Syria कई हिस्सों में बंट सकता है?
तुर्की के प्रमुख अखबार हुर्रियत के कॉलमनिस्ट अब्दुलकादिर सेलवी का मानना है कि इजराइल की इस योजना से सीरिया चार अलग-अलग हिस्सों में बंट सकता है –
- दक्षिण में ड्रूज़ों का इलाका,
- पश्चिम में अलावी समुदाय का नियंत्रण क्षेत्र,
- मध्य में सुन्नी अरबों का इलाका,
- और उत्तर में कुर्दों का क्षेत्र, जिसे SDF (सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज) चलाएंगी।
- इस विभाजन से सीरिया की एकता पर गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।
क्या है israel का उद्देश्य?
इजराइल की तरफ से यह कहा जा रहा है कि उसका मकसद केवल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना है, खासकर सीरिया में मौजूद ईरान समर्थित समूहों से। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने पहले भी यह साफ किया है कि वे अपनी उत्तरी सीमाओं पर किसी भी दुश्मनी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके साथ ही, ड्रूज़ समुदाय को समर्थन देने की बात भी कही जा रही है।
हालांकि, आलोचक मानते हैं कि यह सिर्फ सुरक्षा का बहाना है और असली उद्देश्य सीरिया को कमजोर कर वहां छोटे-छोटे स्वायत्त या अर्ध-स्वायत्त क्षेत्रों की स्थापना करना है, ताकि इजराइल को रणनीतिक फायदा मिल सके।
तुर्की की चिंता क्यों बढ़ रही है?
तुर्की लंबे समय से सीरिया की मौजूदा सरकार का समर्थन करता रहा है। उसे डर है कि अगर ड्रूज़ और कुर्द क्षेत्रों को स्वायत्तता मिली, तो इसका असर तुर्की के अंदरूनी कुर्द मुद्दे पर भी पड़ेगा। राष्ट्रपति एर्दोआन ने 17 जुलाई को साफ कहा कि वे सीरिया के बंटवारे की इजाजत नहीं देंगे। तुर्की की मीडिया भी इजराइल की गतिविधियों पर सख्त नजर रखे हुए है।
अन्य देशों की प्रतिक्रियाएं
ईरान और रूस पहले ही israel के सैन्य कदमों को अपने हितों के खिलाफ मान चुके हैं। वहीं, अमेरिका, जो इजराइल का करीबी सहयोगी है, फिलहाल इस मामले में संयम बरतने की सलाह दे रहा है। इस पूरे घटनाक्रम से मिडिल ईस्ट की स्थिरता को खतरा पैदा हो गया है, और आने वाले समय में इसका असर वैश्विक राजनीति पर भी दिख सकता है।
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