'इजराइल ने खुद किया हमला हमने नहीं...', ईरान पर अटैक कर घिरे नेतन्याहू, अमेरिका ने भी छोड़ा साथ!
ईरान पर हमला कर फंसे नेतन्याहू, अमेरिका ने छोड़ा साथ!
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि इजराइल ने ईरान पर हमला स्वयं किया है, और इसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान ने अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना बनाया, तो जवाबी कार्रवाई की जाएगी. रुबियो ने यह भी कहा कि इजराइल ने इस हमले को अपनी आत्मरक्षा के तहत आवश्यक समझा था.
Israel–Iran conflict: इजराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला किया, जिससे मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है. इस हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू वैश्विक आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि इजराइल ने ईरान पर हमला स्वयं किया है, और इसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान ने अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना बनाया, तो जवाबी कार्रवाई की जाएगी. रुबियो ने यह भी कहा कि इजराइल ने इस हमले को अपनी आत्मरक्षा के तहत आवश्यक समझा था. इससे पहले, ईरान ने आरोप लगाया था कि अमेरिका ने इजराइल को हमले की अनुमति दी थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल डिफेंस फोर्स के चीफ ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू को आगाह किया था कि बिना अमेरिकी समर्थन के ईरान पर हमला करना जोखिमपूर्ण हो सकता है. उन्होंने कहा था कि ईरान कोई प्रॉक्सी संगठन नहीं, बल्कि एक पूर्ण राष्ट्र है, और उससे युद्ध के लिए पूरी सैन्य तैयारी की आवश्यकता है.
आगाह करने के बाद भी नहीं सुने नेतन्याहू
वहीं इजराइल के डिफेंस फोर्स के चीफ की इन बातों से इजरायली वायु सेना प्रमुख टोमर बार ने भी सहमति जताई थी. बता दें कि इजराइल के अधिकारियों ने बैठक में कहा कि अगर हम हमला करते हैं तो कम से कम ये जंग 2 हफ्ते तक चल सकती है.
इसके बावजूद, नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खतरे के रूप में देखते हुए हमला करने का निर्णय लिया. इजराइल एयरफोर्स ने तेहरान के 6 ठिकानों पर हमला किया, जिसमें ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट किया गया और कई वरिष्ठ अधिकारी मारे गए.
ईरान ने दी धमकी
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजराइल के हमले के बाद कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इजराइल के हाथ खून से सने हैं और वह अब बच नहीं पाएगा. खामेनेई ने बदला लेने की कसम खाई और कहा कि ईरान इजराइल को उसके अपराधों की सजा देगा.
सऊदी अरब ने भी की इजराइल की निंदा
सऊदी अरब ने भी इजराइल की ईरान पर हमले की निंदा की है. सऊदी विदेश मंत्रालय ने इसे ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया है. यह प्रतिक्रिया विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि सऊदी अरब और ईरान के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं.
मिडिल ईस्ट में बढ़ा तनाव
इजराइल के हमले के बाद पूरे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला क्षेत्रीय स्थिरता को और प्रभावित कर सकता है. अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों ने भी इस हमले की निंदा की है. अमेरिका ने समन्वित कूटनीतिक प्रतिक्रिया की योजना बनाई है, जबकि फ्रांस ने संभावित सैन्य हमलों के खतरे को बढ़ा हुआ बताया है.
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सैन्य टकराव की संभावना बढ़ी
इजराइल और ईरान के बीच यह संघर्ष नए मोड़ पर पहुंच गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव की संभावना बढ़ गई है. हालांकि, ईरान की प्रतिक्रिया अभी प्रतीकात्मक रही है, लेकिन भविष्य में यह और गंभीर हो सकती है.
इजराइल की सैन्य क्षमता और क्षेत्रीय सहयोगियों के समर्थन के बावजूद, यह संघर्ष व्यापक युद्ध में बदल सकता है.इस घटनाक्रम ने मध्य पूर्व की राजनीति और सुरक्षा पर गहरे प्रभाव डाले हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया और दोनों देशों की रणनीतियाँ आने वाले समय में महत्वपूर्ण होंगी.