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मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन 'गगनयान' के लिए ग्रीन प्रोपल्शन विकसित कर रहा ISRO

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन ‘गगनयान’ के लिए ‘ग्रीन प्रोपल्शन’ विकसित कर रहा है। शनिवार को यहां एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

02:40 AM Dec 27, 2020 IST | Shera Rajput

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन ‘गगनयान’ के लिए ‘ग्रीन प्रोपल्शन’ विकसित कर रहा है। शनिवार को यहां एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन  गगनयान  के लिए ग्रीन प्रोपल्शन विकसित कर रहा isro
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन ‘गगनयान’ के लिए ‘ग्रीन प्रोपल्शन’ विकसित कर रहा है। शनिवार को यहां एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। 
एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के 16वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान (स्पेसफ्लाइट) मिशन के लिए ग्रीन प्रोपल्शन विकसित कर रही है। 
सिवन ने कहा कि भविष्य की सभी योजनाओं में भी ग्रीन प्रोपल्शन को अपनाया जा सकता है। 
उन्होंने कहा कि चूंकि भारत आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखता है, इसलिए यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने से पर्यावरणीय क्षति सीमित हो। 
इसरो अध्यक्ष ने पर्यावरणीय क्षति पर रोक लगाने के लिए हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाए जाने पर जोर दिया। 
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसरो ने अंतरिक्ष ग्रेड लिथियम-आयन बैटरी बनाई है। यह तकनीक इलेक्ट्रिक वाहन के लिए उपयोगी है। 
छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘असफलता से बचने के लिए हमें स्वयं लिए गए जोखिमों का मूल्यांकन करना चाहिए। जब आप अपने जोखिमों का मूल्यांकन करते हैं, तभी आप असफलता से बच सकते हैं। अगर आप असफल हो भी जाते हैं, तो हर असफलता आपको नई सीख दे जाती है।’
सिवन ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की नींव ऐसी ही असफलताओं के बाद बनी है। उन्होंने कहा कि इसमें मिली हर असफलता ने हमें अपनी प्रणाली को सुधारने का अवसर दिया है। 
इसरो अध्यक्ष ने कहा कि अन्य महत्वपूर्ण चीज नवाचार है। उन्होंने छात्रों का हौसला बढ़ाते हुए कहा, ‘असफलता के खतरे उठाने के बाद ही नवाचार का विचार मिलता है। आप पागल कहे जा सकते हैं और नवाचार के प्रारंभिक परिणाम अपूर्ण हो सकते हैं। मगर मुझे आपको यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि एडिसन लाइट बल्ब का आविष्कार करने में कितनी बार विफल रहे थे। आप सभी को यह एहसास होना चाहिए कि अगर आप असफल नहीं हो रहे हैं तो आप कड़ी मेहनत नहीं कर रहे हैं।’ 
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Shera Rajput

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