अश्लील-भड़काऊ कंटेंट को हटाने की जिम्मेदारी अब प्लेटफॉर्म की! सरकार ने आईटी एक्ट 2000 में किया बड़ा बदलाव
IT Act New Guidelines: केंद्र सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) 2000 में संशोधन करते हुए इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड 2021 में बड़े बदलावों की घोषणा की है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, नए नियम 15 नवंबर 2025 से लागू होंगे।
IT Act New Guidelines: संशोधन का उद्देश्य
सरकार का कहना है कि इन संशोधनों का मकसद देश की संप्रभुता, अखंडता, राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और शालीनता से जुड़े मामलों में ऑनलाइन सामग्री पर नियंत्रण को मजबूत करना है। हाल के वर्षों में सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर गलत या भ्रामक जानकारी तेजी से फैलने लगी है। इस स्थिति पर रोक लगाने और जिम्मेदारी तय करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
Changes in IT Rules 2021: आईटी रूल्स 2021 के रूल 3(1)(डी) में बदलाव
नई अधिसूचना के अनुसार, आईटी रूल्स 2021 के नियम 3(1)(डी) को पूरी तरह से बदल दिया गया है। अब किसी भी इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म, जैसे सोशल मीडिया साइट, वेबसाइट, ऐप या किसी ऑनलाइन सेवा प्रदाता पर अगर ऐसा कंटेंट मौजूद है जो कानून के तहत निषिद्ध (प्रतिबंधित) है, तो उस कंटेंट को हटाने की जिम्मेदारी प्लेटफॉर्म की होगी।

36 घंटे में कंटेंट हटाना होगा
नए नियमों के तहत, अगर किसी इंटरमीडियरी को यह वास्तविक जानकारी मिलती है कि उसके प्लेटफॉर्म पर कोई गैरकानूनी या प्रतिबंधित सामग्री है, तो उसे 36 घंटे के भीतर उस सामग्री को हटाना या ब्लॉक करना होगा।
‘वास्तविक जानकारी’ की परिभाषा
सरकार ने स्पष्ट किया है कि ‘वास्तविक जानकारी’ केवल दो ही स्थितियों में मानी जाएगी। पहला किसी सक्षम न्यायालय (court) के आदेश से और दूसरा सरकार या उसकी अधिकृत एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जारी लिखित सूचना से। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस प्रक्रिया का दुरुपयोग न हो, अधिकारियों के स्तर को भी तय किया गया है।

कौन जारी करेगा लिखित आदेश
केंद्र सरकार की ओर से आदेश देने वाला अधिकारी संयुक्त सचिव (Joint Secretary) या उसके समकक्ष स्तर का होना चाहिए।राज्य सरकार की ओर से आदेश देने वाला अधिकारी डायरेक्टर (Director) या उसके समान पद का होना चाहिए। पुलिस विभाग के मामले में आदेश केवल ऐसा अधिकारी दे सकेगा जो उप पुलिस महानिरीक्षक (DIG) या उससे ऊपर के पद पर हो और राज्य सरकार द्वारा इस कार्य के लिए अधिकृत किया गया हो।
आदेशों की मासिक समीक्षा
सरकार ने यह भी व्यवस्था की है कि हर महीने सभी जारी किए गए आदेशों की समीक्षा की जाएगी। यह समीक्षा संबंधित विभाग के सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा की जाएगी ताकि यह देखा जा सके कि जारी किए गए सभी आदेश जरूरी, उचित और कानून के अनुरूप हैं या नहीं।

लिखित सूचना में क्या होगा शामिल
किसी भी लिखित सूचना में यह स्पष्ट रूप से बताया जाएगा कि किस कानूनी प्रावधान या अधिनियम की धारा के तहत कार्रवाई की जा रही है। वहीं किस तरह का अवैध कार्य हुआ है, और कौन-सा यूआरएल, लिंक या डिजिटल कंटेंट हटाना या ब्लॉक करना है।
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