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बाबा बर्फानी के दर्शन में लगता है इतना समय, जानें कितनी लंबी होती है अमरनाथ यात्रा?

09:26 PM Jul 03, 2025 IST | Amit Kumar
अमरनाथ यात्रा

इस बार अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगी. पहला जत्था जम्मू से "हर हर महादेव" के जयकारों के साथ रवाना हो चुका है. बता दें, कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकियों द्वारा किए गए हमले के बाद कई श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन रद्द करवा दिया था. इस हमल में 26 लोगों की जान चली गई थी. इनमें ज़्यादातर पर्यटक थे.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार की ओर से श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे डर को छोड़कर यात्रा पर निकलें. सरकार ने सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए हैं और लोगों से अनुरोध किया है कि वे सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि कोई समस्या न हो.

581 कंपनियों की तैनाती, पूरे रूट पर सुरक्षा

इस बार अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए कुल 581 सुरक्षा बलों की कंपनियां तैनात की गई हैं. बालटाल और पहलगाम, दोनों रूटों पर जगह-जगह बंकर बनाए गए हैं और सुरक्षा बलों की मौजूदगी सुनिश्चित की गई है.पहलगाम रूट के लंगालबाल प्वाइंट पर फेस रिकग्निशन कैमरे लगाए गए हैं. पुलिस के अनुसार, इन कैमरों की मदद से संदिग्ध लोगों की पहचान की जा सकती है, जिनका आपराधिक रिकॉर्ड पहले से दर्ज है.

नो-फ्लाइंग ज़ोन घोषित

इस साल यात्रा मार्ग को 'नो-फ्लाइंग ज़ोन' घोषित कर दिया गया है. इसका मतलब है कि यात्रा रूट पर ड्रोन, हेलिकॉप्टर या गुब्बारा उड़ाने की अनुमति नहीं होगी. नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
यात्रियों को सख्त हिदायत दी गई है कि कोई भी व्यक्ति यात्रा जत्थे से अलग न चले. सुरक्षा के लिहाज से किसी को अकेले चलने की इजाजत नहीं है.

अमरनाथ यात्रा का इतिहास और पुराने हमले

पहलगाम और बालटाल रूट से अमरनाथ गुफा तक जाने वाले श्रद्धालु पहले भी आतंकवादियों के निशाने पर रहे हैं.

2000 में पहलगाम बेस कैंप पर हमला हुआ था, जिसमें 21 श्रद्धालुओं समेत 32 लोग मारे गए थे.

2001 में शेषनाग पड़ाव पर हमले में 13 लोगों की मौत हुई थी.

2017 में अनंतनाग में हुए हमले में 7 श्रद्धालु मारे गए थे.

2002 में भी एक बड़ा हमला हुआ था, जिसमें 9 लोगों की जान गई थी.

अमरनाथ यात्रा का रूट और दूरी

अगर आप पहलगाम से यात्रा करते हैं तो लगभग 48 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है. यह यात्रा लगभग 5 दिन में पूरी होती है. रास्ते में चंदनवाड़ी, पिस्सू टॉप, शेषनाग, पंचतरणी जैसे प्रमुख पड़ाव आते हैं.

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