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J&K : पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ‘जेकेसीए घोटाला’ संबंधी मामले में स्वास्थ्य कारणों से अदालत के समक्ष नहीं हुए पेश

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर क्रिक्रेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में शनिवार को श्रीनगर की एक अदालत में ‘स्वास्थ्य कारणों’ से पेश नहीं हो सके।

04:52 PM Aug 27, 2022 IST | Desk Team

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर क्रिक्रेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में शनिवार को श्रीनगर की एक अदालत में ‘स्वास्थ्य कारणों’ से पेश नहीं हो सके।

j amp k   पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ‘जेकेसीए घोटाला’ संबंधी मामले में स्वास्थ्य कारणों से अदालत के समक्ष नहीं हुए पेश
नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर क्रिक्रेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में शनिवार को श्रीनगर की एक अदालत में ‘स्वास्थ्य कारणों’ से पेश नहीं हो सके।श्रीनगर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष जब यह मामला आया, तब अब्दुल्ला के वकील इश्तियाक अहमद खान ने कहा कि नेकां अध्यक्ष स्वास्थ्य कारणों से पेश नहीं हो पाए।न्यायाधीश ने खान से कहा कि सुनवाई की अगली तारीख यानी 26 सितंबर को अब्दुल्ला को अदालत में हाजिर होना चाहिए। वकील ने अदालत को आश्वस्त किया कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला अगली सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहेंगे।
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ईडी कई बार कर चुकी है पूछताछ
अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शिकायत पर अब्दुल्ला को 23 जुलाई को समन जारी किया था। ईडी ने जेकेसीए धनशोधन मामले में अब्दुल्ला और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।ईडी श्रीनगर के सांसद अब्दुल्ला से इस मामले में कई बार पूछताछ कर चुकी है। अब्दुल्ला 2001 से 2012 तक जेकेसीए के अध्यक्ष थे और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी 2004 से 2009 के बीच कथित वित्तीय हेराफेरी के सिलसिले में ‘घोटाले’ की जांच कर रही हैं।प्रवर्तन निदेशालय पहले ही इस मामले में 21 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क कर चुका है, जिसमें अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां शामिल हैं।
कोष की हेराफेरी 
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ईडी ने दावा किया है कि अब तक की उसकी जांच में ‘‘खुलासा हुआ है कि जेकेसीए के पूर्व कोषाध्यक्ष ने एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलीभगत कर जेकेसीए के 51.90 करोड़ रुपये के कोष की हेराफेरी की और अपराध की राशि को अपने निजी एवं कारोबारी देनदारियों में इस्तेमाल किया।’’ईडी ने श्रीनगर के राममुंशी बाग थाने में दर्ज मामले के आधार पर जेकेसीए पदाधिकारियों के खिलाफ धनशोधन के आरोपों की जांच शुरू की थी। उच्च न्यायालय के निर्देश पर यह मामला सीबीआई को हस्तांतिरत किया गया था।सीबीआई 43.69 करोड़ रुपये की हेराफेरी को लेकर जेकेसीए के पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ इस मामले में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है।
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