'आतंकी-नक्सली करते थे बहिष्कार की बातें...', SIR का जिक्र कर तेजस्वी यादव पर भड़के Jagdambika Pal
भाजपा सांसद Jagdambika Pal ने SIR (सांविधिक वोटर सत्यापन प्रक्रिया) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि यह विवाद SIR को लेकर नहीं है, बल्कि असल मुद्दा अवैध रूप से भारत में रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को लेकर है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति भारतीय नागरिक नहीं है, वह कैसे हमारे देश की सरकार चुन सकता है?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Jagdambika Pal ने स्पष्ट किया कि भारत का हर 18 साल से ऊपर का नागरिक वोटर बन सकता है और उसे मतदान का अधिकार है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य यही है कि जिनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है और जो भारतीय हैं, उन्हें जोड़ा जाए, लेकिन जो अवैध रूप से वोटर बने हैं, उन्हें हटाया जाएगा।
चुनाव बहिष्कार पर तेजस्वी को निशाना
'चुनाव बहिष्कार' को लेकर तेजस्वी यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए Jagdambika Pal ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी लोकतांत्रिक देश में कोई नेता चुनाव का बहिष्कार करने की बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि पहले इस तरह की बातें आतंकी-नक्सली करते थे, लेकिन अब कोई राजनीतिक नेता इसे कह रहा है, जो सही नहीं है।
SIR अभियान की प्रक्रिया
Jagdambika Pal ने बताया कि SIR एक डोर-टू-डोर सत्यापन अभियान है। इसमें यह देखा जाएगा कि जो लोग भारत के नागरिक हैं लेकिन वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है, उन्हें शामिल किया जाए। चाहे वह हिंदू हों, मुस्लिम हों या किसी भी धर्म से हों, सभी भारतीय नागरिकों को वोटिंग का अधिकार मिलना चाहिए।
अवैध वोटरों की पहचान जरूरी
Jagdambika Pal ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति जैसे बांग्लादेशी, रोहिंग्या या नेपाली नागरिक भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं और वोटर लिस्ट में शामिल हो गए हैं, तो उन्हें हटाना जरूरी है। यह काम निर्वाचन आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कर रहा है।
संसद में विपक्ष का रवैया
संसद में विपक्ष के हंगामे पर भी Jagdambika Pal ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह विपक्ष की पूर्व नियोजित रणनीति है। पूरा हफ्ता इसी बहाने बर्बाद कर दिया गया। सरकार और लोकसभा अध्यक्ष ने चर्चा की पहल की, लेकिन फिर भी विपक्ष ने सहयोग नहीं किया।
Bihar SIR: बिहार में इस वर्ष के अंत तक चुनाव होने वाले है। चुनाव को लेकर सियासत गर्मा रही है वहीं विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बीच भारत निर्वाचन आयोग ने वोटर वेरिफिकेशन को लेकर आदेश जारी किया है। चुनाव आयोग के अनुसार बिहार के बाद देशभर में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू किया जाएगा। बता दें कि निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर 24 जून का आदेश जारी किया था और आज इसके बारे में जानकारी दी गई है।
ECI ने क्या कहा?
ECI ने 24 जून को जारी किए गए आदेश में कहा कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू करने का फैसला लिया है। यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 324 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 (RPA 1950) के तहत लिया गया है, जिसमें संसद और राज्य विधानसभाओं के चुनावों और मतदाता सूची की तैयारी की देखरेख की जिम्मेदारी आयोग को दी गई है। क्योंकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए मतदाता सूची की सटीकता जरूरी है।
बिहार में कब हुआ था पुनरीक्षण?
बिहार में वर्ष 2025 के अंत तक चुनाव होने की संभावना है। बता दें कि बिहार में आखिरी बड़ा पुनरीक्षण 2003 में 1 जनवरी 2003 को आधार तारीख के साथ हुआ था। इस पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिक मतदाता सूची में शामिल हों और किसी को भी इस सूची से बाहर न रखा जाए। बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, 18 साल और इससे अधिक उम्र के भारतीय नागरिक मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के हकदार हैं।