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Jagdeep Dhankhar को मिलती थीं ये सुविधाएं, लाखों का वेतन और आलीशान बंगला भी शामिल

03:33 PM Jul 22, 2025 IST | Aishwarya Raj
Jagdeep Dhankhar को मिलती थीं ये सुविधाएं, लाखों का वेतन और आलीशान बंगला भी शामिल

भारत के उपराष्ट्रपति का पद न केवल संविधान में दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है बल्कि इसके साथ कई विशेषाधिकार और सुविधाएं भी जुड़ी होती हैं।  Jagdeep Dhankhar को मिलती थीं ये सुविधाएं, लाखों का वेतन और आलीशान बंगला भी शामिल, जो 2022 में देश के 14वें उपराष्ट्रपति बने थे, उन्हें भी इस पद के दौरान अनेक भत्ते, वेतन और सुविधाओं का लाभ मिला। आइए विस्तार से जानते हैं कि उपराष्ट्रपति रहते हुए Jagdeep Dhankhar  को क्या-क्या सुविधाएं प्राप्त थीं।

₹4 लाख प्रति माह का शानदार वेतन

भारत के उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar को मिलती थीं ये सुविधाएं, लाखों का वेतन और आलीशान बंगला भी शामिल को हर महीने ₹4 लाख रुपये का निश्चित वेतन मिलता है। यह वेतन देश के अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों की तुलना में काफी ज्यादा है। प्रति माह ₹4 लाख की सैलरी का मतलब है कि हर हफ्ते उपराष्ट्रपति का वेतन लगभग ₹92,307 रुपये बनता है। इसी हिसाब से रोजाना का वेतन ₹18,461 रुपये बैठता है। सालाना कुल वेतन ₹48 लाख रुपये के करीब होता है। वेतन के साथ-साथ अन्य वित्तीय भत्ते भी उन्हें समय-समय पर प्राप्त होते थे।

आलीशान सरकारी आवास की सुविधा

Jagdeep Dhankhar को मिलती थीं ये सुविधाएं, लाखों का वेतन और आलीशान बंगला भी शामिल को उपराष्ट्रपति रहते हुए राजधानी दिल्ली के लुटियंस ज़ोन में अत्याधुनिक सरकारी बंगला आवंटित किया गया था। यह बंगला पूरी तरह से सुसज्जित होता है और इसमें हर प्रकार की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। इसमें बड़े-बड़े बैठक कक्ष, दफ्तर के लिए अलग कमरा, मेहमानों के लिए विश्राम कक्ष और हरे-भरे गार्डन शामिल होते हैं। पूरे परिसर की देखरेख सरकार द्वारा की जाती है और इसके रख-रखाव पर कोई व्यक्तिगत खर्च नहीं आता।

सुरक्षा में जेड श्रेणी का कड़ा घेरा

उपराष्ट्रपति रहते Jagdeep Dhankhar को मिलती थीं ये सुविधाएं, लाखों का वेतन और आलीशान बंगला भी शामिल को 'Z कैटेगरी सिक्योरिटी' मिलती रही। इस सुरक्षा घेरे में करीब 20 से 22 सुरक्षाकर्मी हर समय उनके साथ तैनात रहते थे। इसमें एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) या सीआरपीएफ के प्रशिक्षित कमांडो शामिल होते हैं। उपराष्ट्रपति के आधिकारिक और व्यक्तिगत सभी दौरे पर यह सुरक्षा घेरा उनके साथ चलता है।

असीमित मेडिकल सुविधा

स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से भी उपराष्ट्रपति को सर्वोच्च स्तर की चिकित्सा सुविधा प्राप्त होती है। उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को किसी भी सरकारी या सेना के अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। विशेष आवश्यकता होने पर प्राइवेट अस्पतालों में भी इलाज का खर्च सरकार वहन करती है। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या में सर्वोत्तम चिकित्सकों की टीम उपलब्ध कराई जाती है।

यात्रा के लिए विशेष हवाई सुविधा

उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar को मिलती थीं ये सुविधाएं, लाखों का वेतन और आलीशान बंगला भी शामिल को देश और विदेश के दौरे के लिए विशेष हवाई जहाज (Air Force 2) की सुविधा मिलती है। इसमें सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद होती हैं। हवाई अड्डे पर उनके लिए विशेष वीवीआईपी लाउंज की व्यवस्था होती है। हवाई यात्रा के दौरान उनके साथ विशेष स्टाफ और सुरक्षा टीम भी जाती है। किसी भी दौरे का संपूर्ण खर्च सरकारी खजाने से वहन किया जाता है।

स्टाफ और सचिवालय की सुविधा

उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar को मिलती थीं ये सुविधाएं, लाखों का वेतन और आलीशान बंगला भी शामिल  को उनके कार्यकाल के दौरान एक बड़ा सचिवालय स्टाफ मिलता है, जिसमें प्राइवेट सेक्रेटरी, सहायक, प्रेस सलाहकार, सुरक्षा अधिकारी, ड्राइवर, खानसामा, हाउसकीपिंग स्टाफ आदि शामिल होते हैं। उनके आवास और कार्यालय के रख-रखाव के लिए सरकार द्वारा पर्याप्त स्टाफ नियुक्त किया जाता है।

आजीवन भत्ता और सुविधाएं

उपराष्ट्रपति पद से हटने के बाद भी कई विशेष सुविधाएं मिलती हैं। जैसे एक निजी सचिव, एक निजी सहायक, एक वाहन चालक, टेलीफोन सुविधा और एक सशस्त्र सुरक्षाकर्मी। साथ ही, उन्हें पेंशन और चिकित्सा सुविधा जीवन भर के लिए उपलब्ध रहती है। Jagdeep Dhankhar को मिलती थीं ये सुविधाएं, लाखों का वेतन और आलीशान बंगला भी शामिल को उपराष्ट्रपति के कार्यकाल में इन तमाम सुविधाओं का लाभ मिला जो भारतीय संविधान के तहत इस पद के लिए निर्धारित हैं।

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भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब उनके कार्यकाल के अभी दो साल बाकी हैं। अगस्त 2022 में पदभार ग्रहण करने वाले धनखड़ ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र भेज दिया, जिसमें उन्होंने अनुच्छेद 67 (ए) का जिक्र किया है। आइए जानते हैं कि क्या है आर्टिकल 67 (ए)?

अनुच्छेद 67 (ए) का हवाला

जगदीप धनखड़ ने अपने त्यागपत्र में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) का हवाला दिया, जिसमें उपराष्ट्रपति (Jagdeep Dhankhar) के इस्तीफे का प्रावधान है। संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए अपने हाथ से लिखे पत्र द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे सकता है। यह इस्तीफा तुरंत माना जाएगा। उपराष्ट्रपति की ओर से राष्ट्रपति को ही अपना इस्तीफा देना होता है।

इस्तीफा देने का नियम? आगे पढ़ें... 

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