ओलंपिक डे पर जय शाह का संदेश – भारत में ओलंपिक लाने की उम्मीद जताई
जय शाह का संदेश: भारत के लिए ओलंपिक मेज़बानी की नई उम्मीद
23 जून को पूरी दुनिया में ओलंपिक डे मनाया गया। इस मौके पर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) और बीसीसीआई (BCCI) के अध्यक्ष जय शाह ने भी एक खास संदेश दिया। उन्होंने भारत में ओलंपिक लाने की इच्छा जाहिर की और लोगों से फिटनेस को लेकर जागरूक होने का आग्रह किया।
जय शाह ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि क्रिकेट हमेशा से लोगों को जोड़ने वाला खेल रहा है और अब ये ओलंपिक का हिस्सा बन चुका है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक डे पर हमें खेल की ताकत को सेलिब्रेट करना चाहिए। उन्होंने देश के नागरिकों से अपील की कि वे किसी अपने करीबी को चलने, दौड़ने या फिर क्रिकेट जैसे खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करें। उनका मानना है कि इससे हम एक मजबूत और स्वस्थ भारत की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
जय शाह ने ओलंपिक डे पर इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) की ओर से चलाए जा रहे “लेट्स मूव 1 इंडिया” कैंपेन को भी सपोर्ट किया। इस अभियान को भारत के पहले ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा की फाउंडेशन और रिलायंस फाउंडेशन का भी समर्थन मिला है। इस पहल का मकसद है कि लोग हर दिन थोड़ा बहुत एक्टिव रहें और फिटनेस को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
बीसीसीआई ने भी अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ओलंपिक डे को लेकर पोस्ट किया और लोगों को एक्टिव रहने का मैसेज दिया।
अब बात करते हैं ओलंपिक की मेजबानी की। भारत पहले 2032 के ओलंपिक की होस्टिंग में दिलचस्पी दिखा चुका था, लेकिन अब उसने 2036 ओलंपिक के लिए आधिकारिक रूप से दावेदारी पेश की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अहमदाबाद को इस आयोजन के लिए मेन वेन्यू के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, भारत को इस रेस में पोलैंड, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, कतर, हंगरी, तुर्की, मेक्सिको और मिस्र जैसे देशों से कड़ी टक्कर मिल सकती है।
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एक और खास बात ये है कि 2028 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में क्रिकेट को भी शामिल किया गया है। ये एक ऐतिहासिक पल होगा क्योंकि क्रिकेट एक सदी के बाद ओलंपिक में वापसी कर रहा है। इससे पहले क्रिकेट सिर्फ एक बार – 1900 में ओलंपिक का हिस्सा बना था।
ओलंपिक डे हर साल 23 जून को मनाया जाता है। यह दिन आधुनिक ओलंपिक गेम्स की शुरुआत की याद दिलाता है। इस दिन का मकसद खेलों के जरिए लोगों को जोड़ना और फिटनेस के लिए जागरूक करना होता है।
जय शाह का यह संदेश ना सिर्फ क्रिकेट प्रेमियों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि पूरे देश के लिए एक नई उम्मीद लेकर आता है – कि शायद एक दिन भारत भी ओलंपिक जैसे बड़े आयोजन की मेज़बानी कर पाएगा।