W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

जयशंकर-जरीफ ने की द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा

भारत और ईरान ने रविवार को द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित करने वाले क्षेत्रीय और अंतरराट्रीय मुद्दों पर चर्चा की।

03:45 PM Dec 22, 2019 IST | Shera Rajput

भारत और ईरान ने रविवार को द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित करने वाले क्षेत्रीय और अंतरराट्रीय मुद्दों पर चर्चा की।

जयशंकर जरीफ ने की द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा
Advertisement
भारत और ईरान ने रविवार को द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित करने वाले क्षेत्रीय और अंतरराट्रीय मुद्दों पर चर्चा की।
Advertisement
Advertisement
ईरान-भारत संयुक्त आर्थिक आयोग की बैठक के 19वें दौर में भाग लेने के लिए ईरान पहुंचे विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद त्ररीफ़ से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों में हालिया प्रगति पर चर्चा की।
Advertisement
श्री जरीफ ने एक ट्वीटर पोस्ट में कहा, ‘‘द्विपक्षीय संबंधों तथा दोनों देशों को प्रभावित करने वाले क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर उत्कृष्ट चर्चा हुई।’’ उन्होंने कहा कि ईरान और भारत के संबंध हजारों साल पुराने हैं।

दोनों एशियाई देशों ने ऐसे समय में अपने संबंधों को विकसित किया जब ईरान पश्चिम के बजाय पूर्व की ओर देख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे संबंध प्राचीन, ऐतिहासिक और अटूट हैं।’’
दोनों देशों के बीच 1950 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए और उसके बाद से वे अपने सांस्कृतिक, राजनीतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ने के लिए उत्सुक हैं। ईरान ने हमेशा भारत को अरबों रुपये के एक संभावित मजबूत बाजार के रूप में देखा है। वह भारत को एक महान व्यापारिक भागीदार के रूप में देखता है जो एकतरफा अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंधों के बीच उसे राहत प्रदान कर सकता है।
प्रतिबंधों को लागू करने से पहले, भारत ने ईरान के साथ एक फायदेमंद व्यापारिक संबंध के तहत उसे तेल के लिए रुपये में भुगतान किया था तथा ईरान ने इस रुपये का इस्तेमाल भारतीय सामान खरीदने के लिए किया था। भारत ईरान के कच्चे तेल को लेकर आंखें नहीं मूंद सकता क्योंकि यह उसकी कई रिफाइनरियों के लिए उपयुक्त है।
श्री जयशंकर की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर किये जाएंगे। इस दौरान विदेश मंत्री की राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात की भी उम्मीद है।

Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
Advertisement
×