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बिहार में गठबंधन की सरकार बनवाने में जेटली की थी बड़ी भूमिका : सुशील कुमार मोदी

व्यक्तिगत संबंधों को निभाने वाले जेटली के पास नौकरशाह, राजनेता, उद्योगपति, पत्रकार आदि के बारे में काफी जानकारी रहती थी।

03:44 PM Aug 31, 2019 IST | Desk Team

व्यक्तिगत संबंधों को निभाने वाले जेटली के पास नौकरशाह, राजनेता, उद्योगपति, पत्रकार आदि के बारे में काफी जानकारी रहती थी।

पटना : एस के मेमोरियल हाॅल में आयोजित ‘श्रद्धांजलि सभा’ में स्व. अरूण जेटली को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में गठबंधन की सरकार बनवाने और चलवाने में उनकी महत्वपूर्ण भमिका थी। जिस तरह से सरदार पटेल ने देशी रियासतों का विलय करा कर राष्ट्र का एकीकरण किया वैसे ही जीएसटी लागू कर अरुण जेटली ने आर्थिक एकीकरण किया। अगर जेटली नहीं होते तो ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’ की अवधारणा पर आधारित कर सुधार की प्रणाली जीएसटी को लागू करना असंभव था।
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श्री मोदी ने कहा कि श्री जेटली एक बेहतरीन चुनाव प्रबंधक व कुशल रणनीतिकार थे। प्रखर वक्ता और कठिन समय में पार्टी के संकट मोचक थे। कठोर राष्ट्रवादी होने के साथ ही उनके विचारों में उदारता थी जिसके कारण वे सभी के लिए स्वीकार्य और सहमति निर्माता थे। सैद्धांतिक मुद्दों पर पार्टी के मार्गदर्शक थे। ख्यात वकील होने के साथ ही क्रिकेट में भी उन्हें महारथ हासिल थी। 
1989 में श्री जेटली को एडिशनल साॅलिसिस्टर जेनरल बनाया गया था। स्वीट्जरलैंड तक जाकर उन्होंने बर्फोस का मुकदमा लड़ा। तीक्ष्ण स्मरण शक्ति के कारण श्री जेटली 20 साल पुरानी बातों को भी नए संदर्भों में प्रस्तुत करने में सक्षम थे। दिल्ली के सबसे बड़े आयकर दाता श्री जेटली खाने के शौकीन थे। व्यक्तिगत संबंधों को निभाने वाले जेटली के पास नौकरशाह, राजनेता, उद्योगपति, पत्रकार आदि के बारे में काफी जानकारी रहती थी। 
1974 में जेपी की अगुवाई में गठित राष्ट्रीय छात्र संघर्ष समिति के संयोजक अरुण जेटली को बनाया गया था। 1973 में वे दिल्ली विवि छात्र संघ के उपाध्यक्ष और 1974 में अध्यक्ष चुने गए थे। 7-8 जनवरी, 1974 को दिल्ली में आयोजित आॅल इंडिया स्टुडेंट कान्फ्रेंस में उनसे मिल कर पटना में आयोजित छात्र एकता सम्मेलन में आने का आग्रह किया गया था जिसमें छात्र संघर्ष समिति गठित की गई थी।
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