‘जेटली को बजट में राजकोषीय घाटे को काबू में रखने का कदम उठाना चाहिए’
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नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरूण जेटली को बजट में राजकोषीय घाटा लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करना चाहिए तथा परियोजनाओं को कुशल तरीके से क्रियान्वित करने के लिये और कदम उठाने चाहिए। प्रख्यात अर्थशास्त्री टी एन श्रीनिवासन ने यह सुझाव दिया है। येल विश्विद्यालय में अर्थशास्त्र के मानद प्रोफेसेर श्रीनिवासन ने यह भी कहा कि नोटबंदी तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण रोजगार में कमी को जोड़ने को लेकर कोई आर्थिक सिद्धांत नहीं है। उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘मुझे आशा है कि वह राजकोषीय घाटे को काबू में करने के लिये जो भी कर सकते हैं, उन्हें करना चाहिए। साथ ही परियोजनाओं को कुशल तरीके से तथा समय पर पूरा करने के लिये कदम उठाने चाहिए।’’
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 3.2 प्रतिशत रहने का लक्ष्य रखा है। जेटली एक फरवरी को 2018-19 का बजट पेश करेंगे। देश में नोटबंदी और जीएसटी के क्रियान्वयन से रोजगार में कमी को लेकर चिंता के बारे में पूछे जाने पर श्रीनिवासन ने कहा कि ऐसा कोई सिद्धांत नहीं है जो इन दोनों में संबंध को जोड़े।
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