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जाखड़ अमरिंदर से पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट घटाने की मांग करे - ग्रेवाल

शिरोमणि अकाली दल ने आज कहा कि यदि पेट्रोल तथा डीजल की कीमतें बढऩे से आम आदमी पर पड़े बोझ को घटाने के लिए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ सचमुच

07:34 PM Sep 13, 2018 IST | Desk Team

शिरोमणि अकाली दल ने आज कहा कि यदि पेट्रोल तथा डीजल की कीमतें बढऩे से आम आदमी पर पड़े बोझ को घटाने के लिए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ सचमुच

लुधियाना : शिरोमणि अकाली दल ने आज कहा कि यदि पेट्रोल तथा डीजल की कीमतें बढऩे से आम आदमी पर पड़े बोझ को घटाने के लिए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ सचमुच गम्भीर हैं तो उन्हें सबसे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री को कहना चाहिए कि वे आंध्र प्रदेश तथा राजस्थान की तरह पेट्रोल तथा पेट्रोलियम उत्पादों पर लगाए जा रहे वैट में कटौती करें।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए पार्टी के प्रवक्ता तथा पूर्व मंत्री सरदार महेश इंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि जाखड़ को पेट्रोलियम उत्पादों की बढी हुई कीमतों के मुद्दे पर प्रदर्शन करने का तब तक कोई अधिकार नही है,जब तक वो पंजाब में अपनी पार्टी की सरकार से वैट कम करने की मांग नही करता।

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सरदार ग्रेवाल ने कहा कि पंजाब सरकार पेट्रोलियम पर स्थानिक टैक्स लगाकर लगभग 2 हजार करोड़ रुपये कमाती है। यदि कांग्रेस सरकार को राज्य के लोगों की फिक्र है तो वैट में थोड़ी सी कटोती से आम खपतकारों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। अकाली नेता ने बताया कि राजस्थान ने पेट्रोल तथा डीजल के उपर वैट में 4 प्रतिशत कटौती की है।

उन्होने बताया कि इससे पहले अक्टुबर 2017 में केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स घटाने के फैसले के बाद, चार राज्य तथा एक संघी क्षेत्र जिनमें महाराष्ट, गुजरात, मध्यप्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश शामिल हैं,पेट्रोल व डीजल के उपर वैट पर कटौती कर चुके हैं। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अपील की थी कि आम आदमी को राहत देने के लिए पेट्रोलियम की कीमतों पर वैट पर कटौती करें।

ग्रेवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकारें राजनैतिक लाभ लेने के लिए हमेशा ही स्थिति का फायदा उठाने के ताक में रहती है जबकि लोगों की भलाई के लिए बहुत थोड़े कदम उठाती है। अकाली नेता ने कहा कि कितनी हैरानी की बात है कि पंजाब सरकार जनवरी 2017 से लेकर अपने कर्मचारियों तथा पैंशनरों के लिए डीए की कोई किस्त जारी नही की है जोकि अब तक 26 प्रतिशत हो चुकी है। इसके अलावा राज्य सरकार 6वें वेतन कमीशन की रिपोर्ट को लागु करने में जानबुझ कर देरी कर रही है।

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