जामिया मिलिया का बड़ा फैसला, तुर्की के साथ सभी MoU निलंबित किए
जामिया ने तुर्की संग सभी समझौते किए निलंबित
जामिया मिलिया इस्लामिया ने तुर्की के शैक्षणिक संस्थानों के साथ सभी एमओयू को निलंबित कर दिया है, क्योंकि तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया है। यह निर्णय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय द्वारा तुर्की के साथ समझौते खत्म करने के बाद आया है। भारत के उच्च शिक्षा संस्थान तुर्की के खिलाफ प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने एक नया मोड़ ले लिया है। दरअसल पाकिस्तान के साथ युद्द में तुर्की का समर्थन सामने आया है। इसी समर्थन को लेकर देशभर में तुर्की के साथ व्यापार संबंध खत्म करने की मांग उठाई जा रही है। इसी बीच जामिया मिलिया इस्लामिया ने तुर्की के शैक्षणिक संस्थानों के साथ सभी समझौता ज्ञापन (MOU) को निलंबित कर दिया है।जामिया मिलिया इस्लामिया की PRO प्रोफेसर साइमा सईद ने कहा कि हमने तुर्की से संबद्ध संस्थानों के साथ सभी एमओयू को निलंबित कर दिया है। जामिया मिलिया इस्लामिया भारत देश और भारत सरकार के साथ खड़ा है। बता दें कि यह घटनाक्रम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण तुर्की के मलाट्या में इनोनू विश्वविद्यालय के साथ अपने शैक्षणिक समझौते को खत्म कर दिया है।
Due to national security considerations, any Memorandum of Understanding (MoU) between Jamia Millia Islamia, New Delhi, and any institution affiliated with the Government of the Republic of Türkiye stands suspended with immediate effect, until further orders.
Jamia Millia…
— Jamia Millia Islamia (NAAC A++ Grade Central Univ) (@jmiu_official) May 15, 2025
JNU ने तोड़ा तुर्की से रिश्ते
JNU की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने भी पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए तुर्की की आलोचना करते हुए कहा कि तुर्की ने खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन किया है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। बता दें कि 3 फरवरी, 2025 को तुर्की के मालट्या में इनोनू विश्वविद्यालय के साथ हस्ताक्षरित समझौता किया गया था यह ज्ञापन 2028 तक के लिए तय किया गया था। लेकिन तुर्की के पाकिस्तान समर्थन पर शैक्षणिक समझौते को खत्म कर दिया है।
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भारत के उच्च शिक्षा संस्थान ही प्रतिक्रिया देने वाले एकमात्र संस्थान नहीं हैं। व्यापक जनता ने तुर्की और अज़रबैजान के खिलाफ़ एक अनौपचारिक बहिष्कार अभियान भी शुरू किया है, जिन दोनों पर कूटनीतिक और सैन्य रूप से पाकिस्तान का समर्थन करने का आरोप लगाया गया है। बता दें कि भारत और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव में पाकिस्तान ने भारत के कई ठिकानों को निशाना बनाते हुए ड्रोन हमला किया था। इस हमले में तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन सहित कई आधुनिक सैन्य तकनीक की आपूर्ति की थी।